0 वरिष्ठ रेल अधिकारियों ने चुनार से चोपन तक स्पेशल ट्रेन से चल रहे कार्य का किया निरीक्षण
भास्कर ब्यूरो, मिर्जापुर।
आगामी जून महिने से चुनार चोपन रेलमार्ग पर संचालित रेलगाड़ीयो और मालगाडियो के संचालन के लिए इलेक्ट्रिक इंजन शुरू हो जाएगा। 121 किलोमीटर लंबे इस रेलमार्ग का विद्युतीकरण युद्धस्तर पर रेलवे द्वारा किया जा रहा है। रेल सूत्रों के अनुसार विद्युतीकरण के बाद इस मार्ग पर चलने वाली ट्रेनों की स्पीड भी रेलवे द्वारा बढ़ाये जाने का निर्णय लिया है। जिससे इस मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगो को अपने गंतव्य तक पहुँचने में समय कम लगेगा।
मंगलवार को उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद एवं धनबाद मंडल के वरिष्ठ रेल अधिकारियों ने चुनार से चोपन तक स्पेशल ट्रेन से चल रहे कार्य का निरीक्षण किया। इलाहाबाद से आये महाप्रबंधक आरई रतन लाल ने बताया कि जिस तरह तेजी से काम हो रहा है। जून तक काम पूरा हो जाएगा। चोपन से चुनार तक लगभग कार्य हो चुका है। कुछ काम बाकी है। जिसे विभाग पूरा करने में लगा हुआ है। बताया गया कि विधुतीकरण के बाद इस मार्ग पर डीजल इंजन नही चलेगा न ही चुनार में इंजन बदलने के कारण होने वाला विलंब ही ट्रेनो को होगा। बता दे कि चुनार से चोपन रेल लाइन का निर्माण कई दशक पूर्व हुआ था। आरंभ में इस मार्ग पर भाप के इंजन से रेलगाड़ी चलती थी। बाद में इस पर डीजल इंजन चलने लगा। गौरतलब है कि उर्जाचल होते हुए झारखंड बंगाल तक की यात्रा इस मार्ग से की जाती है। समझा जा रहा है कि विद्युतीकरण होने के बाद इस मार्ग पर कई नई रेलगाड़ीयो चलने की संभावना है।
मंगलवार को उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद एवं धनबाद मंडल के वरिष्ठ रेल अधिकारियों ने चुनार से चोपन तक स्पेशल ट्रेन से चल रहे कार्य का निरीक्षण किया। इलाहाबाद से आये महाप्रबंधक आरई रतन लाल ने बताया कि जिस तरह तेजी से काम हो रहा है। जून तक काम पूरा हो जाएगा। चोपन से चुनार तक लगभग कार्य हो चुका है। कुछ काम बाकी है। जिसे विभाग पूरा करने में लगा हुआ है। बताया गया कि विधुतीकरण के बाद इस मार्ग पर डीजल इंजन नही चलेगा न ही चुनार में इंजन बदलने के कारण होने वाला विलंब ही ट्रेनो को होगा। बता दे कि चुनार से चोपन रेल लाइन का निर्माण कई दशक पूर्व हुआ था। आरंभ में इस मार्ग पर भाप के इंजन से रेलगाड़ी चलती थी। बाद में इस पर डीजल इंजन चलने लगा। गौरतलब है कि उर्जाचल होते हुए झारखंड बंगाल तक की यात्रा इस मार्ग से की जाती है। समझा जा रहा है कि विद्युतीकरण होने के बाद इस मार्ग पर कई नई रेलगाड़ीयो चलने की संभावना है।