लक्षमन हरिजन ने अपने बेटे को बड़े अरमान में कमाने को भेजा कि बेटा कमाकर घर वापस आयेगा और गरीबी दूर होगी लेकिन काश! ऐसा हो पाता। अनिल पुत्र लक्षमन निवासी जंगल महाल (बरही) उम्र लगभग बीस वर्ष सूरत में काम करता है। वह अपनी गाढ़ी कमाई इकट्ठा बीस हजार रुपये में की। घर की आर्थिक परेशानियों के मद्देनजर वापस घर अपने एक साथी के चल दिया। इसके साथी दोस्त के मोबाइल पर लगातार लोकेशन गांव के अन्य दोस्त भी कर रहे थे। जब उन्हें पता चला कि वह अहरौरा बाईपास पर आ चुके थे तो बाइक से उसे लिवाने बरही से अन्य साथी आ गये। भुक्तभोगी अनिल ने सोचा कि रात को कोई साधन तो अहरौरा से बरही को नहीं मिलता सो दोस्तों के संग वापस घर जाने को तैयार हुआ परंतु कमाई की दौलत का पता चला तो दोस्तो ने शराब का दौर चलाने लगे। शराब पीने और पीलाने के बाद अनिल से दोस्तों ने मारपीट की जिससे उसे काफी चोटें लगी। फिर उसे बाइक पर लादकर बैरमपुर स्थित पोखरे के पास छोड़कर फरार हो गए। भुक्तभोगी अनिल ने बताया कि चांदी की सिकड़ी, बीस हजार रूपए, मोबाइल, पर्स की लूट उसके दोस्तों ने किया। इस संबंध में अनिल ने घटना संबंधित थाना अहरौरा में नामजद तहरीर दी है। जिसके संबंध में अहरौरा पुलिस घटना की जांच में जुटी हुई है।
पास रखे पैसे की जानकारी देना, स्वयं का वास्तविक लोकेशन देना, जिम्मेदारी भरा कार्य करते समय शराब पीना पहले से ही धोखा खाने का मूल था लेकिन उम्र की नादानी ने अनिल भुक्तभोगी बना दिया और पिता लक्षमन की गरीबी मुक्ति के स्वप्न अधूरे के अधूरे अब भी है।