0 चुनौती भरा कार्य साबित हो रहा गैरजनपद के नामी गिरामी अपराधियो को पेशी कराना
0 सूचना के बावजूद नही ठीक कराया जा सका उपकरण
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
जिला कारागार मे लगा विडियो कॉन्फ्रेंसिग उपकरण विगत छह माह से अधिक समय से खराब होने के कारण जेल प्रशासन को गैर जनपद के बंदियो अपराधियो को न्यायालय मे ले जाकर पेशी कराने मे भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही यात्रा व्यय भी काफी अधिक करना पड़ा रहा है। ऐसे मे गैरजजनपद के नामी गिरामी अपराधियो को पेशी कराने के लिए ले जाना ले आना चुनौती भरा कार्य साबित हो रहा है।
गौरतलब है कि स्थानीय जिला कारागार मे सुरक्षा की अभेद्य व्यवस्था होने के चलते यहा मिर्जापुर सहित आसपास के जनपद के हार्ड कोर्ट नक्सलियो के साथ ही प्रदेश के कई अन्य जनपद के चर्चित और राजनीतिक वर्चस्व रखने वाले अपराधी बंद है। जेल प्रशासन को इनके यहा रखने के साथ ही न्यायालय से निर्धारित तिथि पर संबंधित जनपद के संबंधित न्याय मे पेशी पर भी ले जाना पडता है। जहा एक तरफ सूबे की योगी सरकारी के निर्देश पर पुलिस महकमे के आला बडे बडे अपराधियो की लिस्टिंग कर रहे है और उनकी जगह जेल मे बनाने के लिए कृतसंकल्पित है। वही जो अपराधी पहले से जेल मे बंद है उनके प्रति सतर्कता पर ध्यान नही दे रहे है। मिर्जापुर जिला कारागार मे लगा विडियो कान्फ्रेंस का उपकरण 11 नवंबर 2017 से खराब चल रहा है।
बता दे कि जेल मे बंद अपराधियो की विडियो कान्फ्रेंस के जरिये न्यायालय मे पेशी कराने की व्यवस्था पूरे प्रदेश मे लगभग चार साल पूर्व शुरू की गयी। अपराधियो के भाग जाने को लेकर सतर्कता और पेशी कराने मे लगने वाले समय, सुरक्षा व्यवस्था और अपव्यय से बचने के लिए जनपद मिर्ज़ापुर के कारागार मे भी विडियो कान्फ्रेंसिग उपकरण की स्थापना और इनसटालेशन किया गया लेकिन छह माह से अधिक समय से विडियो कान्फ्रेंस का उपकरण ठप होने (तकनीकी कमी) के कारण गैर जनपद के नामी गिरामी बंदियो अपराधियो की पेशी इस उपकरण के जरिये नही हो पाया रही है और जेल प्रशासन को तमाम झंझावात का सामना करना पड़ रहा है।
इस संबंध मे जिला कारागार के जेल अधीक्षक अनिल कुमार राय बताते है कि 11 नवंबर 2017 को विडियो कान्फ्रेंस उपकरण खराब होने के बाद इसकी सूचना संबंधित जनपदो के न्यायालयो के साथ ही मुख्यालय को दे दी गयी है।