ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि पश्चिम सहित उत्तर प्रदेश के कई जनपदों के पेशेवर और राजनीतिक दृष्टि से अपना पहचान रखने वाले बंदी मिर्जापुर जिला कारागार में निरुद्ध हैं। दरअसल इन इनको रखने के लिए मिर्जापुर जिला कारागार सुरक्षित माना जा रहा है। यहा यहां वाराणसी के चर्चित एआरटीओ आर यस यादव, त्रिभुवन सिंह के अलावा इटावा के राजेश घंटा, पश्चिम के मोनू, बागपत के राठी सहित सहित दर्जनभर चर्चित बंदी निरुद्ध है। एक महिने पूर्व इलाहाबाद से हत्या मामले मे आबिद उर्फ तोता, पिंटू सहित तीन अपराधी मिर्जापुर जेल मे शिफ्ट किये गये है। इसके साथ ही नक्सल वारदातो से संबंधित कई बंदी काफी समय से यहा बंद है। जेल अधीक्षक अनिल राय ने बताया कि जेल मे नियमित रूप से बैंरको आदि की चेकिंग सहित आम मुलाकातियो की गहन चेकिंग कयी स्तर पर कराये जाने के बाद ही अंदर मुलाकात के लिए भेजा जा रहा है। बताया कि कंप्यूटरीकृत व्यवस्था के बीच मुलाकात के लिए आने वाले के आधार या आईडी लेकर उनका फोटो खीचने के बाद पूरी जानकारी कंप्यूटर पर अंकित की जाती है। इसके बाद ही मुलाकात के लिए प्रवेश दिया जाता है।
गुर्मा कारागार शुरू होने के बाद भी है ओवर क्राउड
12 बैंरको वाले मिर्जापुर जिला कारागार मे एक समय था कि सोनभद्र का अलग जेल ने होने के कारण डेढ हजार के आसपास बंदी रखे जाते रहे। विगत वर्षो सोनभद्र के गुर्मा मे जिला कारागार सोनभद्र बनने के बाद लगभग छह सौ पुरुष बंदी वहा शिफ्ट कर दिये गये। लेकिन गुर्मा जेल विरान मे होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से अभी भी सोनभद्र की महिला बंदियो को अभी भी मिर्जापुर मे ही रखा गया है। मिर्जापुर कारागार की क्षमता 332 बंदियो के रखने की है। इसके बावजूद वर्तमान मे कुल 674 बंदी रखे गये है। जिनमे सत्तर महिला बंदी शामिल है। बता दे कि जेल मे कुल 12 बैरक है जिनमे बंदियो को रखा गया है।
12 सीसी कैमरो से कैदियो की निगहबाजी, 12 की जरूरत
जिला कारागार में अनिरुद्ध कैदियों कि निगहबाजी के लिए कुल 12 अदद सीसीटीवी कैमरे लगाये गये है। यह सीसीटीवी कैमरे जेल के बाहर, सर्किल, तन्हाई, महिला बैरक दरवाजे के पास, दोनो गेट के बीच आदि स्थान पर लगाये गये है। कुछ कैमरे ऊपरी हिस्से मे भी लगाये गये है। इसके बावजूद सीसीटीवी कैमरे पर्याप्त नही है। जेल अधीक्षक अनिल राय ने बताया कि 12 कैमरे अपर्याप्त है। ऐसे मे अन्य संभावित चयनित स्थल पर लगाने के लिए 12 और सीसीटीवी कैमरे की मांग की गयी है।
बंदियो को न गूंथना होगा आटा और न सेकनी होगी रोटी
हकीकत चाहे जो भी हो, पर आपने भी सुना होगा कि जेल मे पैर से सने आटे की रोटी मिलती है। पर अब मिर्जापुर कारागार के बंदियो को न तो आटा गूथना होगा और न ही रोटी सेकनी होगी। दरअसल मिर्जापुर सहित उत्तर प्रदेश के कुल 25 जेलो के लिए सब्जी काटने, गेंहू झाड़ने, आटा सानने और रोटी तैयार करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीने भेज दी गयी है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि जुलाई महिने से यह मशीने काम करने लगेगी। जेल अधीक्षक अनिल राय ने बताया कि दो हजार रोटी प्रति घंटा क्षमता वाले इस रोटी मेकर के द्वारा समस्त बंदियो के लिए दोनो टाईम मात्र डेढ घंटे मे पर्याप्त रोटी तैयार हो जाएगी। बताया कि किचन अपडेट होना है। उक्त मशीने इन्स्टाल करने के लिए आपरेटर के आने का इंतजार है। उन्होंने बताया कि जेल के किचन अपडेट के बाद मशीन मे स्नान आटा रोटी मेकर मे डाला जाएगा। बिजली और गैस की प्रक्रिया से होता हुआ सने आटे से सीधे रोटिया तैयार होकर निकलेगी।