भास्कर ब्यूरो, जमालपुर।
क्षेत्र के बहुआर गांव के रविन्द्रालय स्थित मानस मंडप में चल रहे नौ दिवसीय राम कथा के नौवें दिन गुरूवार को मानस कोकिला पं विजय लक्ष्मी शास्त्री ने अपने ओजस्वी वाणी से भक्तों को राम कथा के माध्यम से बताया कि राम चरित मानस की कथा सत्य पर आधारित कथा हैं। कथा की प्रासंगिकता पर बल देते हुए कहा कि आज समाज सत्य से भटक गया है। समापन दिवस पर राजा राम के राज्याभिषेक की कथा को विस्तार देते कहा कि राम राज बैठे त्रिलोका हर्षित भए गए सब सोका।
कहा कि रामचरितमानस में बाबा तुलसीदास जी ने पावन दोहा चौपाई व श्लोकों के माध्यम से भक्ती के नौ मार्ग बताए है।प्रथम भक्ति संतो कर संगा। मनुष्य जब संतो का संगत करता है तो उसे भक्ती का मार्ग मिल जाता है।तथा मनुष्य को शांति, सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है।राम को राजा बनते ही पुरे रबिन्द्रालय मानस मंडप में उपस्थित भक्तों ने फूलों की वर्षा की तथा प्रभु राम के जयकारे से पुरा पंडाल गुज उठा। कहाकि राम के राजा बनते ही पूरी अयोध्या एक बार फिर से गुलजार हो गई। प्रजा खुशी-खुशी राम को राजा मारकर उनके पदचिन्हों पर चलने लगी। कथा को विस्तार देते हुए श्रोताओं से कहा कि मायावी रावण मृत्यु शैया पर जीवाचार्य लक्ष्मण को उपदेश दिया।प्रमु मर्यादा पुरुषोत्तम राम जीवाचार्य लक्ष्मण माता सीता सभी अयोध्या लौट कर प्रजाजनों की सेवा करनें लगे।
कथा मात्र कथा नही है यह प्रभु श्री राम के चरित्र की कथा है। वैदिक मंत्रों के बींच राजा राम का राज्याभिषेक आचार्य राम जी तिवारी ने कराया। पं विजय लक्ष्मी शास्त्री गोरखपुर ने कथा के दौरान कहा कि मनुष्य को जीवन में कभी भी मर्यादा से हटकर कोई कार्य नहीं करना चाहिए। प्रभु श्री राम ने कभी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। इस दौरान पुरा पंडाल प्रभु श्री राम के जयकारे से गुज उठा।कहा कि बाबा तुलसी ने रामचरितमानस में प्रभु श्री राम के चार लीलाओं का वर्णन किया है। सभी इस दौरान रविप्रकाश तिवारी, रविन्द्रनाथ तिवारी, ज्ञानधर तिवारी, हरे कृष्ण मिश्रा, अवधेश सिंह, विजेन्द्र सिंह, बबलू सिंह, दिलीप सिंह, राधेश्याम तिवारी, सुशील सिंह, बप्पी तिवारी, दिलीप सिंह, अरूण तिवारी, शिखर नंदनी, उर्मिला सिंह, वीणा उपाध्याय, उमेश सिंह, सरिता तिवारी, चन्द्रकांता पाण्डेय, रंजना, माही, उर्मिला सहित सैकड़ों नर नारी श्रोताओं ने कथा का रसास्वादन किया। इस अवसर पर ब्रहमदेव तिवारी ने राम कथा समिति के सदस्यों सहित पत्रकारो व गणमान्य व्यक्तियों के साथ कुल 108 लोगों को राम कथा रत्न सम्मान से सम्मानित करते हुए अंगवस्तरम व स्मृति चिन्ह भेंट की। नौ दिवसीय कथा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार दूबे ने किया। अंत में रविप्रकाश तिवारी ने आभार व्यक्त किया। शुक्रवार को राम कथा समापन के पश्चात कलश विसर्जन किया गया।