० प्रजापति समाज को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया
डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर।
पार्टी बैठक में संतराम बीए जी की जयंती जिलाध्यक्ष इं राम लौटन बिन्द की अध्यक्षता में मनाई गई। भरुहना स्थित पार्टी कार्यालय पर संतराम बीए जी के चित्र पर माल्यार्पण कर बैठक की शुरुआत हुई। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में भगवान दास प्रजापती एवं विशिष्ट अतिथि के रूप संजय कुमार प्रजापति जी उपस्थित रहे तथा संचालन आईटी मंच जिला अध्यक्ष हेमंत बिंद ने किया बैठक के दौरान मुख्य अतिथि ने कहां प्रजापति समाज की सामाजिक पहचान एवं प्रजापति समाज को सम्मान देने के लिए पार्टी के मुखिया मिर्जापुर सांसद का आभार व्यक्त किया और कहा कि प्रजापति समाज हमेशा इस सम्मान का आभारी रहेगा। श्री बिंद ने कहा प्रजापति समाज के पांच लोगों को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। आगे कहा की भारतीय समाज में फैले रूढ़िवाद, पाखंडवाद और अंधविश्वास जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए हमारे महापुरुषों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिनमें संतराम बीए जी का नाम भी प्रमुखता से शामिल है।
संतराम बीए जी का जन्म प्रजापति कुम्हार परिवार में 14 फरवरी 1887 में पंजाब के होशियारपुर के बस्ती गांव में हुआ था। आपने समाज के साथ-साथ देश का भी नाम रौशन किया। जातिविहीन समाज के निर्माण एवं पाखंडवाद के खिलाफ आपने आजीवन संघर्ष किया। आपने 100 से अधिक पुस्तकें लिखी एवं कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। इसी क्रम में आनंद कुमार प्रजापति ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा बजवाड़ा के प्राथमिक स्कूल से और 1909 में लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से बीए किया। उस जमाने में बीए की शिक्षा ग्रहण करना बहुत बड़ी बात थी। आपने कभी भी अपने सरनेम में जाति का उल्लेख नहीं किया, बल्कि आपने शिक्षा को महत्व दिया।
संतराम बीए जी बचपन से ही समाज सेवा के लिए तत्पर रहते थे। 1922 में परमानंद के साथ मिलकर आपने ‘जाति-पाति तोड़क मंडल’ की स्थापना की। मंडल के प्रधान परमानंद एवं सचिव संतराम जी बने। मंडल के जरिए आपने समाज की बुराइयों पर करारा प्रहार किया। परिणामस्वरूप आपकी लोकप्रियता पंजाब से बाहर अन्य राज्यों में भी बढ़ती गई। अन्य राज्यों में भी मंडल की शाखाएं खोली गईं और सैकड़ों अंतरजातीय विवाह कराए गएं। आगे की कड़ी में ज्ञानचंद कनौजिया ने कहा कि संतराम बीए जी ने खुद अपने बच्चों की शादियां जाति-पाति के भेद से ऊपर उठकर किया।
वर्ष 1948 में आपने ऐतिहासिक पुस्तक ‘हमारा समाज’ लिखा। इस पुस्तक के जरिए आपने भारतीय समाज में व्याप्त बुराइयों पर करारा प्रहार किया। आपने ऊर्दू में क्रांति पत्रिका निकाली। इसके अलावा अन्य कई पत्र-पत्रिकाओं का आपने संपादन किया। 31 मई 1988 में यह महापुरुष ने अंतिम सांस ली। और कहां आज ही के दिन भारत के वीर सपूत पुलवामा हमले में जो शहीद हुए हैं उनके प्रति अश्रु श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। बैठक के दौरान युवा मंच जिला अध्यक्ष श्री उदय पटेल, जिला मीडिया प्रभारी शंकर सिंह चौहान नगर विधानसभा अध्यक्ष विजय शंकर केसरी युवा मंच जिला महासचिव संतोष कुमार पटेल, मनोज बिंद, रामनाथ प्रजापति धर्मेंद्र प्रजापति मनोज कुमार सिंह पटेल श्रीमती मुन्नी देवी चौहान, सुगवंती देवी, रुकमणी देवी, ज्योति कुमारी, बभनी देवी, अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे।