डिजिटल डेस्क, अहरौरा।
नगर के सत्यानगंज मुहल्ले में स्थित श्री राधाकृष्ण मंदिर प्रांगण में सप्तदिवसीय भागवत कथा के पाठ का आयोजन किया गया है। कथा वाचक ब्रजरज दास महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न लीलाओं का वर्णन करते हुए अपने संदेश में कहा कि बिना पीये नशा चढ़ जाता है जो राधे राधे गाता है अर्थात अपना सर्वांगीण न्योछावर करने के उपरांत व्यक्ति जब कृष्ण मय हो जाता है तब उसे किसी प्रकार का सुख दुख, हानि लाभ का स्मरण नहीं रहता है। वह समस्त पापों से मुक्त होकर ईश भक्ति में अपने कर्म और धर्म का प्रतिपादन करता है। इन्द्र देवता के घमंड को चूर करने के लिए गोबर्धन पर्वत भगवान श्रीकृष्ण ने उठाया और इन्द्र के कुदृष्टि और प्रकोप से ब्रजवासियों की रक्षा की। जब शक्ति की परिकाष्ठा का उपयोग के बाद इन्द्र की हार हुई तो श्रीकृष्ण के भगवत स्वरूप की पहचान करते हुए उनसे क्षमा मांगी।
ईश्वर घमंड को भोज्य करता है इसलिए मय बांधकर किया गया कर्म व्यक्ति के जीवन में कमाई गयी पुण्यों को खा जाता है और व्यक्ति पाप की ओर प्रस्थान करने हेतु कदम रख देता है। कथा वाचन के दौरान भक्ति भाव में महिलाएं नृत्य करती हैं, भक्त जन बार बार दोनों हाथों को उपर उठाकर ईश्वर की शरण में होने का उद्घोष जयकारे के साथ करते हैं। लयबद्धगीत संगीत वाद्यों के ताल पर गाये जाते हैं। सत्संग के दौरान इस प्रांगण में मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।