मिर्जापुर।
राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद भारत सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्र व्यापी गतिबिधि 29वी राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय–सतत जीवन हेतु विज्ञान निर्धारित गया है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक प्रमुख कार्यक्रम है,जिसे राष्ट्रीय विज्ञान एवं संचार परिषद उत्प्रेरित करता है।इसका मुख्य उद्देश्य देश के कोने-कोने में जाकर विज्ञान प्रतिभाओ की खोज करना एवं बच्चों में वैज्ञानिक चेतना का अंकुरण कर उन्हें स्थानीय परिवेश में तार्किक वैज्ञानिक खोज की दिशा में आगे बढ़ाता है।
इस अनोखे कार्यक्रम में 10 वर्ष से 17 वर्ष के कक्षा 6 से12 तक के बच्चे प्रतिभागिता करते है।मुख्य विषय सतत जीवन के लिए विज्ञान को पांच उपविषयों में बांटा गया है।(1)सतत जीवन हेतु पारितंत्र,(2)सतत जीवन हेतु उचित प्रौद्योगिकी,(3)सतत जीवन हेतु निरूपण,विकास,मॉडलिंग एवम योजना बनाना,(4)सतत जीवन हेतु सामाजिक नवाचार,(5)सतत जीवन हेतु पारंपरिक ज्ञान में विभाजित किया गया है।इनमे से किसी एक उपविषय से संबंधित स्थानीय समस्या को चिन्हित कर दो बच्चे का ग्रुप बनाकर विज्ञान विधि की सहायता से नवाचारी खोज करते है।10 वर्ष से14 वर्ष के बच्चे जूनियर वर्ग में तथा 14 से17 वर्ष तक के बच्चे सीनियर वर्ग में प्रतिभाग करते है।बच्चे किसी मार्ग दर्शक के दिशा निर्देशन में दो तीन महीने में प्रयोगों के आधार पर,सर्वेक्षड के आधार पर अपने लघु शोध पत्र नोडल,जिला,प्रदेश,राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञ वैज्ञानिको के समक्ष प्रस्तुत करता है।प्रदेश स्तर से दो ग्रुप का चयन भारतीय विज्ञान कांग्रेस के लिए किया जाता हैं।प्रत्येक स्तर पर बच्चों को वाल वैज्ञानिक का प्रमाण पत्र दिया जाता है।
इस गतिबिधि से वैज्ञानिको मे वैज्ञानिक विधि से कार्य करने कि समझ विकसित होती है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि कोविद19 की समस्या के चलते बाल विज्ञान कांग्रेस का कार्यक्रम ऑनलाइन ही आयोजित किये जाने की संभावना है।अभी राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला 18 अगस्त को आयोजित करके पूरे देश के जिला समन्यवक, अकेडमिक समन्यवक,एवम जजेज को ट्रेनिंग दी गई,जिसमे जनपद से जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय,अकेडमिक समन्यवक डॉक्टर जे.पी राय,डॉक्टर एस के गोयल,डॉक्टर एस एन सिंह,सत्यनारायनप्रसाद प्रतिभाग करेगे।इसके बाद प्रदेश स्तर की कार्यशाला होगी।इसके बाद जनपद स्तर पर विज्ञान टीचर की वर्कशॉप आयोजित की जाएगी।ये कार्यशाला सितंबर की तीसरे सप्ताह में आयोजित की जाएगी।इसके बाद ट्रेनिंग प्राप्त टीचर अपने विद्यालयों के बच्चों को इस गतिबिधि मे प्रतिभागिता करायेगे।जिला स्तरीय विज्ञान कांग्रेस् नवम्बर के प्रथम सप्ताह में आयोजित होगी।