मिर्जापुर।
वित्तीय वर्ष के तीसरी तिमाही के अंत तक उत्तर मध्य रेलवे ने पार्सल और लगेज आय में 118.3% वृद्धि दर्ज की। ग्राहक केंद्रित नीतियों और प्रोएक्टिव मार्केटिंग प्रणाली को अपना कर उत्तर मध्य रेलवे ने अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान पार्सल और लगेज के परिवहन से रु 21.11 करोड़ का अर्जन किया। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में पार्सल और लगेज से होने वाली कमाई की तुलना में यह 118.3% की वृद्धि है। पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के दौरान रु 9.67 करोड़ का अर्जन हुआ था।
दिसंबर 2021 के महीने में ही उत्तर मध्य रेलवे ने पार्सल और लगेज से रु. 3.15 करोड़ का अर्जन किया जो पिछले वर्ष की तुलना में 43.8% अधिक है। दिसंबर 2020 में इस मद से रुपये 2.19 करोड़ की आय हुई थी। ज़ोनल और मंडल स्तर पर बिजनेस डेवलेपमेंट यूनिट (बीडीयू) नॉन लीज़्ड वीपी के माध्यम से पार्सल यातायात बढ़ाने के प्रयास कर रही हैं। अप्रैल-दिसंबर के दौरान कुल 189 नॉन लीज़्ड वीपी को रु 1.94 करोड़ का अर्जन किया गया है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान केवल 108 वीपी को लोड किया जा सकता था।
इसके अतिरिक्त, निविदा आमंत्रण सूचना (एनआईटी) जारी कर ट्रेनों में लीज एसएलआर/वीपी प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके अलावा, उत्तर मध्य रेलवे द्वारा चलाई जा रही किसान रेल न केवल छोटे किसानों को उनकी उपज को मांग के अनुरूप बाजार तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध हो रही है, बल्कि उत्तर मध्य रेलवे की पार्सल आय में भी योगदान दे रही है।
माह दिसंबर 2021 तक, 28 किसान रेलों (प्रयागराज मंडल से 8 और आगरा मंडल से 20) को लोड किया गया है, जिसमें से रुपये 1.91 करोड़ (50% सब्सिडी को छोड़कर) की वसूली की गई है। अप्रैल-दिसंबर 2021-22 के दौरान पार्सल लगेज आय का मंडल वार विवरण देखें तो प्रयागराज- रु. 9.90 करोड़ (+71.88%), आगरा – रु. 8.76 करोड़ (+206.25 %) और झांसी- रु. 2.45 करोड़ (+181.67%) है।