एजुकेशन

सनबीम मीरजापुर में मंगनियार लोक संगीत की धुन से मंत्रमुग्ध हुए श्रोता व छात्र

मिर्जापुर। 
स्पीक मैके तथा सनबीम विद्यालय मीरजापुर के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार 19 अप्रैल को विद्यालय परिसर में राजस्थानी मंगनियार लोक संगीत का आयोजन सम्पन्न हुआ।  इस अवसर पर प्रसिद्ध लोक गायक कलाकारों द्वारा छात्रों के समक्ष मंगनियार लोक संगीत की प्रस्तुति की गयी। कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहोजीत रे तथा अतिथि कलाकार घेते खान के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
    इस अवसर पर छात्रों ने मंगनियार लोक संगीत से सम्बन्धित विभिन्न बारीकियों को देखा और सीखा तथा कार्यक्रम की समाप्ति पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे तथा मंगनियार लोक संगीत के प्रति गहरी रुचि दिखाई। आज के कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकारों ने मंच पर उपस्थित होकर मंगनियार लोक संगीत के द्वारा वातावरण को इस तरह स्थापित किया कि दर्शक तत्कालिक वातावरण में पूरी तरह कार्यक्रम के साथ जुड़े रहे। कार्यक्रम के संगीत तथा उनके भाव भगिमाओं के मिले-जुले कौशल को देखकर उपस्थित जनसमूह सम्मोहित होकर कार्यक्रम का रसास्वादन कर रहा था।
    जैसा कि ज्ञात है मंगनियार लोक संगीत भारतवर्ष के राजस्थान के मुस्लिम समुदाय का पारम्परिक लोक संगीत है मंगनियार खुद को राजपूतों का वंशज मानते हैं और रेगिस्तान के लोक संगीतकार के रूप में प्रसिद्ध है। इनके गीत पीढ़ी से पीढ़ी तक रेगिस्तान के मौखिक इतिहास के रूप में प्रस्तुत किया जाते हैं। वे सिकंदर महान, स्थानीय महाराजाओं तथा पिछली लड़ाइयों के बार में गीत गाते है। पूरा उपयोग करते हैं तथा अपने संगीत के माध्यम से श्रोताओं को जीवंत दृश्य का अनुभव कराते हैं।
भाग लेने वाले कलाकार मंच का इस लोक नृत्य में प्रायः वीर रस पर आधारित संगीत का प्रयोग होता है और वाद्य पत्रों में मुख्य रूप से सारंगी, दोतक, बड़ताल, मुरली, मंजीरा आदि बाथ मंत्रों का प्रयोग होता है। अतिथियों एवं कलाकारों का स्वागत करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहोजीत रे ने विद्यालय की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किया तथा धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर स्पीक मैके के संयोजक खेते खान एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
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