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मीरजापुरवासियों को मिलेगी लॉजिस्टिक पार्क की सौगात, केंद्रीय मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल की विशेष पहल

0 केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव 5 सितंबर को video confrensing से चुनार में रखेंगे आधारशिला

0 केंद्रीय मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा- लॉजिस्टिक पार्क के शुरू होने से मीरजापुर जनपद सहित पूर्वांचल में आएगा क्रांतिकारी बदलाव, कारोबार में होगी वृद्धि, रूकेगा पलायन
मीरजापुर। 

मीरजापुर जनपद एवं आसपास के इलाकों में निर्मित वस्तुओं को कम समय में देश के प्रमुख बंदरगाहों के जरिए विदेश भेजने की सुविधा शुरू हो जाएगी। इन वस्तुओं को अब देश के प्रमुख महानगर सहित अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध होगा। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल के विशेष प्रयास से मीरजापुर जनपद के चुनार में लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना होने जा रही है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सोमवार, 5 सितंबर को इस मेगा परियोजना की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आधारशिला रखेंगे।

उत्तर प्रदेश में आगरा, मुरादाबाद और कानपुर के बाद चौथा लॉजिस्टिक पॉर्क मीरजापुर जनपद के चुनार में स्थापित किया जाएगा। लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। प्रथम चरण में पार्क का विकास 30 करोड़ की लागत से की जाएगी। दूसरे चरण में 70 करोड़ की लागत से अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल का कहना है कि लॉजिस्टिक पार्क के शुरू होने से मीरजापुर सहित पूर्वांचल के कारोबार में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।

इन जनपदों में निर्मित कॉलीन, पॉटरी व पीतल उद्योग, हैंडीक्रॉफ्ट के अलावा अनाज व खाद्य वस्तुओं को अंतरराष्ट्रीय मार्केट मिलेगा। निर्यातकों को एक ही जगह पर सारी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी। इस परियोजना के शुरू होने से मीरजापुर सहित आसपास के जनपदों में रोजगार में वृद्धि होगी एवं पलायन को रोकने में काफी मदद मिलेगी।

लॉजिस्टिक पार्क को सड़क एवं रेल मार्ग से जोड़ा जाएगा:
लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना चुनार रेलवे स्टेशन के पास किया जाएगा। जिसकी वजह से लॉजिस्टिक पार्क रेलवे अथवा सड़क मार्ग के जरिए मुंबई, चेन्नई, कोलकाता एवं दिल्ली से जुड़ जाएगा। एवं आसानी से यहां से वस्तुएं इन महानगरों के जरिए विदेश में निर्यात हो जाएंगी।

इन्हें मिलेगा लाभ:
चुनार के अलावा भदोही, खमरिया और वाराणसी निर्मित कालीन विश्व में प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा मीरजापुर और आसपास के इलाकों में हैंडीक्रॉफ्ट, रेणुकूट से हिंडालकों निर्मित वस्तुएं, नैनी से प्लास्टिक की वस्तुएं एवं प्रयागराज के त्रिवेणी से शीशे की वस्तुएं बड़े पैमाने पर तैयार होती हैं। लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना से इन वस्तुओं के निर्यातकों को एक ही जगह सारी सुविधाएं मिल जाएंगी और आसानी से इन्हें देश के बंदरगाहों के जरिए विदेश में निर्यात किया जा सकेगा। इनके अलावा पूर्वांचल में उत्पादित खाद्य सामग्री, अनाज, सब्जी का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। लॉजिस्टिक हब के जरिए इन वस्तुओं को भी कम समय में देश के महानगरों एवं विदेशों में भेजने की सुविधा होगी।

लॉजिस्टिक पार्क की खासियत : 7000 वर्ग मीटर में पार्क का होगा विकास
पार्क में वेयरहाउसिंग, पैकिंग और छंटाई की सुविधा होगी
पार्क को रेलवे लाइन के जरिए देश के प्रमुख बंदरगाहों से जोड़ा जाएगा लॉजिस्टिक पार्क के जरिए स्थानीय कारोबार को प्रमोट किया जाएगा।

पूर्वांचल का पहला लॉजिस्टिक पार्क:
यह पूर्वांचल का पहला लॉजिस्टिक पार्क विकसित होगा। इसके अलावा प्रदेश में 350 किमी दूर कानपुर, मुरादाबाद और आगरा में लॉजिस्टिक पार्क पहले से स्थापित हैं।

 

 

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