रेल समाचार

चुनार जंक्शन को DFCCIL से जोड़ने के लिए यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य हुआ पूरा, नील्स टोकन इंस्ट्रूमेंट आधारित ब्लॉक वर्किंग बनी इतिहास

0 कंसपुर गुगौली स्टेशन पर नई इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग हुई कमीशन
मिर्जापुर।
यात्रियों को समयबद्ध एवं संरक्षित रेल यात्रा प्रदान करने हेतु उत्तर मध्य रेलवे सदैव तत्पर रहा है| संरक्षा ही प्राथमिकता के मूल मन्त्र पर कार्य करते हुए निरंतर नवीन तकनीकों को अपनाया जा रहा है| इसी क्रम में पुरानी तकनीक के पैनल इंटरलॉकिंग को समाप्त कर नवीन तकनीक वाली इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना का कार्य भी निरंतर किया जा रहा है|  इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना से एक और जंहा संचालन में सुगमता आती है वंही दूसरी और बेहतर संरक्षा भी सुनिश्चित होती है|
इसी क्रम में दिल्ली-हावड़ा मुख्य मार्ग पर स्थित चुनार  पर मौजूदा केंद्रीयकृत इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में जरूरी बदलाव करके दिनांक 15.09.22 को डिस्ट्रिब्यूटेड इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की कमिशनिंग का कार्य पूरा किया गया। इससे चुनार जंक्शन को DFCCIL से जोड़ने के लिए आवश्यक यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य पूरा कर लिया गया।  इसी कार्य के साथ चुनार – सक्तेशगढ़  सेक्शन के मध्य स्थित ब्लॉक हट – आर को भी समाप्त कर दिया गया।  अब चुनार – शक्तिसगढ़  सेक्शन के बीच  ब्लॉक वर्किंग के लिए प्रयागराज मंडल का अंतिम नील्स टोकन इंस्ट्रूमेंट को हटा कर UFSBI लगाया गया है। इस प्रकार संपूर्ण उत्तर मध्य रेलवे में  नील्स टोकन इंस्ट्रूमेंट आधारित ब्लॉक वर्किंग हमेशा के लिए  समाप्त हो गई।
इसी क्रम में एक और आधारभूत संरचना कार्य को पूरा करते हुए प्रयागराज – कानपुर  खंड के  कंसपुर गुगौली  स्टेशन के ब्रिटिश पैनल इंटरलॉकिंग के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की कमीशनिंग का कार्य दिनांक 15.09.2022 को पूरा कर लिया गया। अब पैनल के स्थान पर  कंप्यूटर के माध्यम से ट्रेनों  का सञ्चालन किया जा रहा है। यह  स्टेशन प्रयागराज मंडल के मेन लाइन का अंतिम पैनल इंटरलॉकिंग वाला स्टेशन था।  इससे  प्रयागराज – कानपुर  खंड में चलने वाली ट्रेनों के समयपालन में सुधार होगा साथ ही संरक्षा का स्तर और बेहतर होगा|
इसी कार्य के साथ यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य भी किया गया। अप  एवं डाउन लाइन पर ओवर रन भी कमीशन किया गया है। इससे एक ही समय में एक ही दिशा के लिए ट्रेन  को अगले स्टेशन को भेजना तथा पिछले स्टेशन से ट्रेन को रिसीव करना संभव हो गया है। समूचे यार्ड में एक्सल  काउंटर लगा कर ड्यूल डिटेक्शन का कार्य भी पूरा हो गया है। इससे ट्रैक सर्किट में आने वालो संभावित विफलता के कारण ट्रेन विलम्बित नहीं होगी।
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