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जिले में बनेगा सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय, 8.752 हेक्टेयर जमीन खरीदने के लिए ₹9.80 करोड़ स्वीकृत

0 सीएम आफिस ने ट्वीट कर दी जानकारी

0 पीपीपी माडल पर लायंस स्कूल स्थापित करेगा सैनिक स्कूल, बरकछा में खरीदी जा चुकी है आठ एकड़ जमीन 

मिर्जापुर। 

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मिर्जा़पुर जनपद एवं यहां के रहवासियो पर साक्षात मा विंध्यवासिनी की कृपा है, तभी तो जनपद को एक के बाद एक सौगत मिल रही है। इंजिनियरिंग कालेज, मेडिकल कालेज, केन्द्रीय विद्यालय, सैनिक स्कूल के बाद अब इस जिले को सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय की सौगात भी मिली है। सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय विद्यालय निर्माण और सुदृढ़ीकरण के लिए धनराशि स्वीकृत करते हुए 8.752 हेक्टेयर जमीन खरीदने के लिए ₹9.80 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। सीएम आफिस ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी गई है।

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जिले से जुडाव एवं कर्मभूमि है। ऐसे में जिले की सांसद एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, विधायक रत्नाकर मिश्र सहित जनप्रतिनिधियों की पहल पर जिले को एक के बाद एक सौगात मिल रही है। हाल ही मे जिले के बरकछा मे सैनिक स्कूल खोलने के लिए हरी झंडी मिली है। इसकी स्थापना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर की जाएगी। रक्षा मंत्रालय इसमें सहयोग करेगा। विद्यालय रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल सोसायटी से संबद्ध होगा।

सैनिक स्कूल खोलने के लिए लायंस क्लब मिर्जापुर की तरफ से बरकछा में आठ एकड़ जमीन भी खरीद ली गई है। स्कूल प्रबंधक विश्वनाथ अग्रवाल और कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल के निर्देशन में क्लब ने आठ एकड़ जमीन रजिस्ट्री करा ली है।

1972 से चल रहा कैंप 2016  मे हटाया गया, फिर ने चुनार किले में एपीटीएस कैंप चलाने की मिली अनुमति

उल्लेखनीय है कि पुरातत्व विभाग ने वर्ष 1961 में चुनार किले को अपने कब्जे में ले लिया। सरकार ने वर्ष 1972 से इसको सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय कैंप बना दिया, जाे लगातार चलता रहा। इसी बीच पुरातत्व विभाग ने सरकार से किले में ट्रेनिंग कैंप चलाने पर आपत्ति जताई। बताया कि इससे किले को नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे मे वर्ष 2016 में किले से ट्रेनिंग कैंप को हटाकर वहां से आठ किलोमीटर दूर समसपुर गांव में स्थानांतरित कर दिया गया था, तभब से कैंप समसपुर मे संचालित हो रहा था।

यहां पर वर्तमान मे कुल 300 रंगरूटों को प्रशिक्षण देने की क्षमता है। इसी बीच एपीटीएस (आर्म पुलिस ट्रेनिंग स्कूल चुनार) के उच्चाधिकारियों ने शासन को पत्र लिखकर किले में दोबारा ट्रेनिंग कैंप चलाने की अनुमति मांगी। बताया कि यहां ट्रेनिंग कैंप चलने से एक तो किले की सुरक्षा बरकरार रहेगी। दूसरे यहां पर साफ-सफाई होती रहेगी। इससे किले की सुंदरता भी बनी रहेगी। यहां आने वाले पर्यटकों को किसी तरह की परेशानी होने की बात है, तो ऐसा कुछ नहीं होगा। पर्यटक पहले की तरह आराम से यहां आकर किले को देख सकेंगे। शासन ने चुनार के समसपुर में चलने वाले पुलिस ट्रेनिंग कैंप की क्षमता बढ़ा दी है।

यहां पर पहले 300 पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 600 कर दी गई है। इसमें 300 पुलिस कर्मियों का समसपुर ट्रेनिंग कैंप व 300 का प्रशिक्षण चुनार किले में होगी। पुलिस उपमहानिरीक्षक सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय चुनार धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि शासन ने चुनार किले में एपीटीएस कैंप चलाने की अनुमति दी है। यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। इससे किला भी सुरक्षित रहेगा और यहां की साफ-सफाई भी बेहतर होगी।

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