राजगढ (मिर्ज़ापुर)।
दिल्ली से आई वाइल्डलाइफ टीम, वन विभाग एवं स्पेशल टास्क फोर्स की तत्परता से लजीज होटल सुकृत में बेचने आए दो तस्करों कोमिर्जापुर के सुकृत वन रेंज से बृहस्पतिवार को प्रतिबंधित दुर्लभ वन्य जीव पैंगोलिन की खाल एवं सूअर के दांत के साथ गिरफ्तार किया गया है। जिसकी अनुमानित कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार मे लगभग ₹20 लाख बताई गयी है।
उल्लेखनीय है कि सुकृत वन रेंज में बेशकीमती लकड़ियो, वन्य औषधियो एवं दुर्लभ वन्य जीव प्राणियों का निवास है। तस्करों की नजर बेशकीमती लकड़ियो एवं औषधीय पौधों के साथ-साथ दुर्लभ वन्य जीवों पर भी गड़ी है। आरोप है कि स्थानीय वनकर्मियों की मिलीभगत से जहा वन क्षेत्र में रोपण किए गए पौधे की कटाई के कारण गायब हो रहे हैं।
वही आवासीय क्षेत्र में दुर्लभ प्राणियों के हत्या कर उनकी खाल, दांत एवं हड्डियों का भी गोरखधंधा चल रहा था। जिसकी जानकारी दिल्ली वाइल्डलाइफ तक पहुंच चुकी है। आरोप है कि पकड़े गए आरोपियों को बचाने के लिए सुकृत रेंज में अरसे से जमा एक वनकर्मी भी एड़ी चोटी का जोर लगाया, लेकिन अंततः उसकी सिफारिश काम नहीं आई और पकडे गये तस्करो को जेल जाना ही पडा।
पकड़े गए तस्करों के पास से पेंगोलिन जिसे देसी भाषा में कहट कहा जाता है और सुअर की दात बरामद हुआ है। जानकारों का कहना है कि कहट के ऊपर बंदूक के गोली का भी असर नहीं होता है। तस्करों के पास से देसी कहट के छोटे-छोटे टुकड़ों में खाल एवं सूअर के दांत भी बरामद की गई है । जंगली जानवरों का शिकार सुकृत रेंज के भवानीपुर बन चौकी अंतर्गत धड़ल्ले से हो रहा है, जहां पर जंगली जानवरों का शिकार करके मोटी रकम लेकर चुनिंदा लोगों के पास पहुंचाकर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है।
वनकर्मी आखिर पकड़े गए आरोपियों को बचाने में इतनी गहरी से दिलचस्पी क्यों ले रहा था? अगर इसकी उच्चस्तरीय जांच करा दी जाए, तो वन कर्मी की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है। पकड़े गए आरोपियों को वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेज दिया गया है। गिरफ्तारी एवं बरामदगी में एसडीओ जेपी सिंह, सुकृत वन क्षेत्राधिकारी राजेश कुमार सिंह, लवकुश सिंह पटेल सेक्शन ऑफिसर, वन दरोगा राकेश सिंह, मनोज पटेल एवं सतीश कुमार शामिल रहे।