मिर्जापुर।

जनपद में क्षय (टीबी) रोगियों को चिन्हित करने के लिए 20 फरवरी से अभियान शुरू हो रहा है। यह दो चरणों में 5 मार्च तक चलेगा। जिला क्षय रोग अधिकारी व नोडल अधिकारी डा. यूएन सिंह ने सीएमओ कार्यालय सभागार मे संपन्न बैठक मे बताया कि इस बार आरबीएसके की टीम साथ में आ जाने से पूरे अभियान को मजबूती मिलेगी। पहला चरण 20 से 23 फरवरी तक चलेगा जबकि दूसरा चरण 24 फरवरी से 5 मार्च तक चलेगा।

पहले चरण के दौरान अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय व कारागार में टीबी मरीज खोजे जाएंगे। जबकि दूसरे चरण के दौरान विभाग की टीम जनपद की कुल 20 प्रतिशत आबादी के शहरी एवं ग्रामीण बस्ती तथा हाई रिस्क क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करेगी। जिला कार्यक्रम समन्वयक संन्ध्या गुप्ता ने बताया कि टीबी मरीज मिलने पर उनका उपचार तत्काल नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र पर शुरू कर दिया जायेगा। इसके लिए 145 टीमें गठित की गई हैं। हर टीम में चार सदस्य होगे। अभियान के दौरान टीम मौके पर ही उसका नमूना लेगी। इसके बाद अगले दिन सुबह खाली पेट उसी मरीज के बलगम का दूसरा नमूना भी लिया जाएगा। फिर इस सैंपल की जांच टीबी यूनिट पर होगी।

डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सतीश शंकर यादव ने कहा कि एसटीएस और एसटीएसएलएस के सहयोग से समस्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को टीबी के संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में यह जांच निशुल्क कराई जाती है। वर्ष 2021-22 में 2356 क्षय रोगियों को चिन्हित किया गया था। चिन्हित मरीजों को 98 लाख रुपये सहायता राशि दी जा चुकी है। हर विकास खण्ड केन्द्रों पर टीबी जांच यूनिट है।

बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि जांच में दो सप्ताह से खांसी व बुखार का आना या वजन का कम होना और रात में पसीना आना जैसे लक्षण पाये जाते है। तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करे उनकी टीबी की जांच अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर अवश्य कराएं ऐसे में उनको संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने की संभावना ज्यादा होती है। समय समय पर चिकित्सकीय सलाह जरूर लेते रहे। इसके अलावा अब टीबी के मरीजों का उपचार मेडिकल कालेज के डॉक्टर भी कर रहे हैं। इससे टीबी के मरीजों के लिए सराहनीय कदम है और हम निश्चित रूप से 2025 में देश व प्रदेश के अलावा जिले से टीबी को खत्म कर सकेगे।
