अहरौरा, मिर्जापुर।
पुत्र प्राप्ति और पुत्रो की लंबी और दीर्घायु जीवन के लिए ललाई छठ की पूजा सैकड़ो महिलाएं की। नगर के सत्यानगंज मोहल्ले में स्थित राधा कृष्ण मंदिर में महिलाए सुबह से ही व्रत रखकर पूजा की। ललाई छठ का त्योहार हिंदू धर्म में हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष को मनाया जाता है। इसे कई नामों जैसे पीन्नी छठ, खमर छठ, राधन छठ, चंदन छठ, तिनछठी, तिन्नी छठ, ललही छठ, हलछठ, हरछठ व बलराम जयंती के रूप में भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हल छठ व्रत संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है।
इस व्रत में महिलाएं अपनी प्रत्येक संतान के नाम पर छह छोटे मिट्टी के बर्तनों में पांच या सात भुने हुए अनाज भरती हैं। पांच प्रकार का फल दही महुआ का फल किन्नी का चावल ललाई छठ माता को चढ़ाकर उनकी पूजा करती है,ललाई छठ की पूजा महिलाए समूह में करती है,यह पूजा गंगा घाट के किनारे, नदी, तलाब और पोखरा के किनारे ज्यादातर किया करती है।
महिलाए समूह में बैठकर पूजा करने के बाद कथा सुनती है और बच्चो को ललाई छठ माता का चढ़ाया हुआ प्रसाद खिलाकर माताएं बच्चो के माथे पर ललाई छठ माता का चंदन टीका करके प्रसाद खिलाती है, यह पूजा माताएं विधि विधान से बच्चो के दीर्घायु जीवन के लिए पूजा करती है।