मिर्जापुर। सर्वोच्च न्यायालय एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दीवानी न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत कार्यक्रम का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनमोल पाल, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय राजेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना वाहन दावा अधिकरण मीरजापुर राम प्यारे, एवं सभी न्यायिक अधिकारीगण संयुक्त रूप से मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण व दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किये। जनपद न्यायाधीश अनमोल पाल ने सभी न्यायिक अधिकारीगण एवं बैंक अधिकारीगण के साथ बैठक किए और राष्ट्रीय लोक अदालतें को सफल बनाने के लिए और ज्यादा से ज्यादा मुकदमों को निस्तारण करने एवं वादकारियों को व्यापक सहुलियत प्रदान करने का निर्देश दिए। जनपद न्यायाधीश अनमोल पाल ने कुल 01 मिसलिनियस मामलों का निस्तारण किए और अवार्ड पारित किए। निस्तारित मुकदमों का विवरण प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय राजेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव ने न्यायालय में लम्बित 27 पारिवारिक मामलों को सुलह-समझौत कराते हुए पति-पत्नी को साथ-साथ रहने के लिए राजीखुशी घर भेजे पीठासीन अधिकारी मोटर अधिकरण राम प्यारे ने 62 मोटर दुघर्टना प्रतिकर मामलों का निस्तारण किए और 2करोड़ 74 लाख, 39 हजार 056 रूपये प्रतिकर के रूप में मृतको एवं घायलों के परिजनों को दिलाये गये। स्थायी लोक अदालत चेयरमैन बृजेश नरायण मिश्र ने कुल 8 मुकदमों का निस्तारण किए। प्रथम अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती रचना अरोड़ा ने 1 मिसलिनियस वादों का निस्तारण की और 500 रूपया जुमार्ना वसूल की।
विशेष न्यायाधीश एस.सी.एस.टी. एक्ट बलजोर सिंह ने 2 मिसलिनियस वादों का निस्तारण किए और 1000 रूपया जुमार्ना वसूल किए। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सन्तोष कुमार त्रिपाठी ने 09 मिसलिनियस मुकदमों का निस्तारण किए और 8000 रूपया जुर्माना वसूल किए। विशेष न्यायाधीश ई.सी. एक्ट वायु नन्दन मिश्र, 12 मिसलिनियस विद्युत अधिनियम के वादों का निस्तारण किए और 5000 हजार रूपया जुर्माना वसूल किए। अपर जिला जज / सचिव डीएलएसए लाल बाबू यादव ने 580 बैंक ऋण प्री-लिटिगेशन के मामलों का निस्तारण सुलह-समझौते के आधार पर कराये और 7.60 करोड पर बकायेदारों से समझौता कराकर ऋणवसूली कराये। अपर जनपद न्यायाधीश / एफ.टी.सी. चन्द्रगुप्त यादव ने 07 मिसलिनियस वादों का निस्तारण किए और 2500/- रूपया जुर्माना वसूल किए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रत्नम श्रीवास्तव ने कुल 1817 मुकदमों का निस्तारण किए और 6 लाख 74 हजार 360/-जूर्माना वसूल किए। सिविल जज (सी.डि.) आनन्द कुमार उपाध्याय ने कुल 10 सिविल व सक्सेशन वादों का निस्तारण की और 76 लाख 86हजार 168 रूपये का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान किए। प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती प्रज्ञा सिंह ने 411 मुकदमों का निस्तारण की और 1लाख 55 हजार 710 / – जुर्माना वसूल की।
सिविल जज ( जू० डि०) चुनार अंकित कुमार ने 09 दीवानी वाद को निस्तारित किए और सक्सेशन प्रमाण पत्र जारी किये। सिविल जज (जू0डि०) सुश्री ललिता यादव ने 06 दीवानी वाद व सक्सेशन वाद को निस्तारित की और 5 लाख 86 हजार 694 रूपये का सक्सेशन प्रमाण पत्र जारी की।
अपर सिविल जज (जू.डि.) श्रीमती गीतिका सिंह ने 445 मुकदमों का निस्तारण की और 6170 रूपया जुर्माना वसूल की। सुश्री मीना अख्तर ने 152 मुकदमों का निस्तारण की और 3500 / – जूर्माना वसूल की, श्रीमती शिवानी चौधरी ने 320 मुकदमों का निस्तारण की और 3290/- जूर्माना वसूल की, सुश्री प्रियम्बदा लाल ने 300 मुकदमों का निस्तारण की और 3000 /- रूपया जुर्माना वसूल की। ग्राम न्यायालय दुष्यन्त कुमार शर्मा ने 140 मुकदमों का निस्तारण किए और 3100/- रूपये जुर्माना वसूल किए, सुश्री रूचि भाटी ने 134 मुकदमों का निस्तारण की और 1340 /- रूपया जुर्माना वसूली की। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय न्यायालय से 25 मुकमदों का निस्तारण किये।
अपर जिलाधिकारी (वि0/रा०)/नोडल अधिकारी रा. लो. अ. शिव प्रताप शुक्ला के प्रयास से नगर मजिस्ट्रेट, उपजिलाधिकारियों व तहसीलदार/नायब तहसीलदारों के न्यायालयो, चकबन्दी न्यायालयों द्वारा निस्तारित राजस्व वाद कुल 21951 मामलों का निस्तारण किया गया। ई-चालान यातायात के 2220 चालानो का निस्तारण हुआ और 10 लाख 80 हजार 600/- रूपया ऑनलाईन जुर्माना वसूल हुए।
राष्ट्रीय लोक अदालत, में व०सहा0 दीपक श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता बद्री विशाल, रंजीत कुमार डाटा आपरेट, पी०एल०वी० श्री जय प्रकाश, ओम प्रकाश, प्रदीप श्रीवास्तव, कृष्ण कुमार एवं समस्त न्यायिक कर्मचारीगण उपस्थित होकर सहयोग प्रदान किए। भारतीय स्टेट बैक, इण्डियन बैंक, आर्यव्रत बैंक, बैंक आफॅ बडौदा, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक आफ इण्डिया ने बैंक पण्डाल लगाकर मामलों का निस्तारण किए।