मिर्जापुर।
देवाधिदेव महादेव की काशी नगरी में मातृभाषा हिंदी संगठन के बैनर तले कुमार लक्ष्मीकांत तथा सुभाष शर्मा एवः धर्मराज के देखरेख मे 10 और 11 नवंबर 2024 को काशी कवि कुंभ का आयोजन किया गया। रामकटोरा (सी. 25/2) लहुराबीर वाराणसी में (काशी सेवा समिति के मालवीय सभागार) में संपन्न कवि सम्मेलन मे उभरते हुए युवा करियो ने अपने काव्य प्रस्तुत किये।
इस दौरान युवा कवि सम्मेलन, सम्मान समारोह एवं गायन वादन की अलग-अलग सत्रों में प्रस्तुति हुई, जिसमे देश भर के 201 कवियो, कलाकारों और संगीतकारों को अवसर देकर कवि कुंभ मे बुलाया गया। इस कवि महाकुंभ में जिले के युवा कवि कृष्ण कुमार अग्रहरि ‘सरल’ ने भी प्रतिभाग किया। जिनका काव्य पाठ 11 नवंबर 2024 दिन सोमवार को प्रथम सत्र में हुआ। उन्होंने बताया कि उन्हें महादेव की नगरी काशी में कवि के रूप में प्रस्तुति देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
कवि ‘सरल’ ने अपनी कविता का पाठ किया, जो इस प्रकार है-
हर कोई है आंखों में आशु लिए
पर कोई किसी दिखाता नहीं
लड़ रहा रह कोई अपने आप से
पर कोई किसी को बताता नहीं
किसको कहे हम कोई खुशी है
ग़मो का ये संसार है पूरी दुनिया
जहां पे देखो सब चिंतित पड़े है
पर हर कोई दुखड़ा सुनाता नहीं
रिश्ते नाते सब बस स्वार्थ के
स्वार्थ में सारी दुनिया पड़ी है
किसी पर करे कैसे भरोसा
भरोसे पर कोई काम आता नहीं
आयोजन समिति के आयोजक सुभाष शर्मा व लक्ष्मीकांत ने अंगवस्त्र व प्रतिमा देकर कवि सरल को सम्मानित किया।
इस मौके पर गिरीशचंद शर्मा, सतीशचंद्र शर्मा, विष्णु शर्मा, गिरधारी लाल शर्मा, एड नवीन शर्मा, रामू भारद्वाज, हेमंत शर्मा, सर्वेश अग्रहरि, विजय मोदनवाल, आदि लोगों ने खुशी जाहिर कर शुभकामनाएं दीं।