विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर @ विन्ध्य न्यूज
आदिशक्ति जगतजननी मां विंध्यवासिनी के दरबार में नवरात्रि के प्रथम दिन रविवार को करीब 68 हजार श्रद्धालुओं ने बड़े ही श्रद्धा भाव से दर्शन पूजन किया। मां विंध्यवासिनी के दरबार में प्रथम दिल शैलपुत्री के रूप का दर्शन पूजन कर भक्त मंगलकामना प्रार्थना की। सुबह मंगला आरती के बाद 4:00 बजे कपाट खुला और भक्त दर्शन के लिए कतार बद्ध खड़े हो गए। गंगा स्नान करने के पश्चात हाथों में पूजन सामग्री के रूप में गुड़हल, कमल पुष्प, नारियल, चुनरी, इलायची दाना के साथ मंदिर प्रांगण में जयकारे लगाते हुए मां के चरणों तक पहुंचे। एक के बाद एक बड़े ही श्रद्धा भाव से मां के चरणों में मत्था टेकने के बाद मंदिर प्रांगण में विराजमान समस्त देवी देवताओं के साथ हवन कुंड में परिक्रमा करने के बाद लोग विंध्य पर्वत पर विराजमान काली खो स्थित काली मां एवं अष्टभुजा में स्थित अष्टभुजी मां का दर्शन पूजन कर अपने जीवन की मंगल कामना की। दोपहर मध्यान आरती शाम को संध्या आरती एवं रात को बड़ी आरती के लिए कपाट बंद किया गया, जिसके बाद कपाट को खोल दिया गया दर्शन पूजन का सिलसिला 24 घंटे चलता रहा। वही मंदिर पर तैनात पुलिसकर्मी आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन कराने की अच्छी व्यवस्था देते रहे। इसके साथ ही श्री विंध्य पंडा समाज के पुरोहित मां विंध्यवासिनी मंदिर पर ड्यूटी देते रहे दो दो घंटे की शिफ्ट वार में सैकड़ों पुरोहित मंदिर पर यात्रियों को दर्शन पूजन कराने में बेहतर सुविधा प्रदान करते रहे।
आदिशक्ति जगतजननी मां विंध्यवासिनी के दरबार में नवरात्रि के प्रथम दिन रविवार को करीब 68 हजार श्रद्धालुओं ने बड़े ही श्रद्धा भाव से दर्शन पूजन किया। मां विंध्यवासिनी के दरबार में प्रथम दिल शैलपुत्री के रूप का दर्शन पूजन कर भक्त मंगलकामना प्रार्थना की। सुबह मंगला आरती के बाद 4:00 बजे कपाट खुला और भक्त दर्शन के लिए कतार बद्ध खड़े हो गए। गंगा स्नान करने के पश्चात हाथों में पूजन सामग्री के रूप में गुड़हल, कमल पुष्प, नारियल, चुनरी, इलायची दाना के साथ मंदिर प्रांगण में जयकारे लगाते हुए मां के चरणों तक पहुंचे। एक के बाद एक बड़े ही श्रद्धा भाव से मां के चरणों में मत्था टेकने के बाद मंदिर प्रांगण में विराजमान समस्त देवी देवताओं के साथ हवन कुंड में परिक्रमा करने के बाद लोग विंध्य पर्वत पर विराजमान काली खो स्थित काली मां एवं अष्टभुजा में स्थित अष्टभुजी मां का दर्शन पूजन कर अपने जीवन की मंगल कामना की। दोपहर मध्यान आरती शाम को संध्या आरती एवं रात को बड़ी आरती के लिए कपाट बंद किया गया, जिसके बाद कपाट को खोल दिया गया दर्शन पूजन का सिलसिला 24 घंटे चलता रहा। वही मंदिर पर तैनात पुलिसकर्मी आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन कराने की अच्छी व्यवस्था देते रहे। इसके साथ ही श्री विंध्य पंडा समाज के पुरोहित मां विंध्यवासिनी मंदिर पर ड्यूटी देते रहे दो दो घंटे की शिफ्ट वार में सैकड़ों पुरोहित मंदिर पर यात्रियों को दर्शन पूजन कराने में बेहतर सुविधा प्रदान करते रहे।
आज शारदीय नवरात्र मेला विन्ध्याचल-2019 में प्रथम दिन कुल 68000 श्रद्धालुओं ने किया दर्शन-पूजन
शारदीय नवरात्र मेला विन्ध्याचल-2019 में माँ विन्ध्यवासिनी धाम में दर्शन-पूजन हेतु बड़ी संख्या में प्रान्त व गैर प्रान्त के श्रद्धालुगण आ रहे हैं। मेले में कानून-व्यवस्था बनाये रखने हेतु जनपदीय पुलिस के साथ ही साथ अन्य जिलों के पुलिस अधिकारी/कर्मचारीगण की ड्यूटी लगायी गयी है। आज दिनांक 29.09.2019 को 18.00 बजे तक चुस्त-दुरुस्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच लगभग 68000 श्रद्धालुओं ने विन्ध्य धाम में दर्शन-पूजन किया।
शारदीय नवरात्र मेला विन्ध्याचल-2019 में माँ विन्ध्यवासिनी धाम में दर्शन-पूजन हेतु बड़ी संख्या में प्रान्त व गैर प्रान्त के श्रद्धालुगण आ रहे हैं। मेले में कानून-व्यवस्था बनाये रखने हेतु जनपदीय पुलिस के साथ ही साथ अन्य जिलों के पुलिस अधिकारी/कर्मचारीगण की ड्यूटी लगायी गयी है। आज दिनांक 29.09.2019 को 18.00 बजे तक चुस्त-दुरुस्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच लगभग 68000 श्रद्धालुओं ने विन्ध्य धाम में दर्शन-पूजन किया।
पक्का घाट बंद होने सः स्नान करने में हुयी समस्या
नवरात्र के प्रथम दिन सुबह 10 बजे पक्का घाट दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया। बता दें कि पक्का घाट के सीढ़ियों के पहले पुराना खंडहर बारिश के वजह से एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया दूसरा हिस्सा जो मुख्य रास्ते पर लटका हुआ है। उसके चलते जिला प्रशासन ने पूरी तरीके से श्रद्धालुओं को रोक दिया जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान जर्जर भवन को पूरा गिरा कर आवागमन शुरू करने का निर्देश दिया। बारिश और बाढ़ के चलते जिलाधिकारी ने सिर्फ 3 घाटों पर स्नान करने की व्यवस्था की है। जिसमें से अखाड़ा घाट दीवान घाट और पक्का घाट जर्जर भवन गिरने से और पक्का घाट प्रतिबंधित होने से सिर्फ 2 घाटों पर ही भक्त स्नान कर सकेंगे वहीं जगह काफी कम होने के कारण भक्तों को गंगा स्नान करने में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
नवरात्र के प्रथम दिन सुबह 10 बजे पक्का घाट दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया। बता दें कि पक्का घाट के सीढ़ियों के पहले पुराना खंडहर बारिश के वजह से एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया दूसरा हिस्सा जो मुख्य रास्ते पर लटका हुआ है। उसके चलते जिला प्रशासन ने पूरी तरीके से श्रद्धालुओं को रोक दिया जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान जर्जर भवन को पूरा गिरा कर आवागमन शुरू करने का निर्देश दिया। बारिश और बाढ़ के चलते जिलाधिकारी ने सिर्फ 3 घाटों पर स्नान करने की व्यवस्था की है। जिसमें से अखाड़ा घाट दीवान घाट और पक्का घाट जर्जर भवन गिरने से और पक्का घाट प्रतिबंधित होने से सिर्फ 2 घाटों पर ही भक्त स्नान कर सकेंगे वहीं जगह काफी कम होने के कारण भक्तों को गंगा स्नान करने में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
अदलपुरा शीतला धाम में 25 हजार भक्तो ने मां के दरबार में लगाई हाजिरी
सीखड़ क्षेत्र के अदलपुरा बड़ी शीतला माता के धाम में सुबह से 25000 हजार भक्तो ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई मां के जयकारे से गूंज उठा मंदिर परिसर आस्था को बारिश भी नहीं डिगा पाई। जोर शोर से दर्शक आते रहे सुबह से ही मंदिर परिसर में खड़े होकर दर्शनार्थी अपने बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे वहीं बारिश होने से श्रद्धालु कम आए प्रशासन द्वारा पुलिस की व्यवस्था चाक चौबंद रहा गर्भ गृह से लेकर कोने कोने पर पुलिस का पहरा रहा गंगा का पानी मंदिर के चबूतरे तक रहने के कारण दर्शनार्थियों को गंगा स्नान करने में कठिनाई हो रहा था।
सीखड़ क्षेत्र के अदलपुरा बड़ी शीतला माता के धाम में सुबह से 25000 हजार भक्तो ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई मां के जयकारे से गूंज उठा मंदिर परिसर आस्था को बारिश भी नहीं डिगा पाई। जोर शोर से दर्शक आते रहे सुबह से ही मंदिर परिसर में खड़े होकर दर्शनार्थी अपने बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे वहीं बारिश होने से श्रद्धालु कम आए प्रशासन द्वारा पुलिस की व्यवस्था चाक चौबंद रहा गर्भ गृह से लेकर कोने कोने पर पुलिस का पहरा रहा गंगा का पानी मंदिर के चबूतरे तक रहने के कारण दर्शनार्थियों को गंगा स्नान करने में कठिनाई हो रहा था।
जयकारों से गूंजा गड़बड़ाधाम, मां के दर्शन कर भक्त हुए निहाल नवरात्र स्थापना दिवस के दिन भक्तों का रेला मां शीतला गड़बड़ाधाम का दर्शन पूजन कर अभिभूत हो गए ।भोर से ही दर्शनार्थि मां के दरबार में पहुंचना शुरू कर दिए लोग अपने श्रद्धा के हिसाब से कोई पैदल कोई बाइक तथा फोर वीलर से दूरदराज से आने वाले दर्शनार्थि सवारी गाड़ी से पहुंचकर मां के दरबार में मत्था टेक दर्शन पूजन कर मां का आशीर्वाद लिया। गड़बड़ा मां की महिमा उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,बिहार ,झारखंड ,महाराष्ट्र की सीमा तक से मां के भक्त नवरात्र के पावन पर्व में मां के दर्शन के लिए आते हैं वैसे तो मां के दरबार में हर मुराद पूरी होती है लेकिन खासतौर पर निसंतान परिवार की झोली मां औलाद की किलकारी यों से भर देती हैं मां के दरबार से कोई निराश नहीं लौटता है मंदिर के पीछे ही बने हवन कुंड में भक्त अपनी अपनी मुरादे पूरी होने पर हवन करते नजर आए पूरे गड़बड़ा धाम एवं मंदिर परिसर के अगल-बगल की साफ-सफाई कीचड भरी सडक होने के कारण दर्शनार्थियों एवं माली पंडा समाज में रोष देखा गया जगह-जगह कीचड़ कूड़ा करकट से पटा दिखाई दिया। प्रभारी निरिक्षक देवीवर शुक्ल ने बताया की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर 35 सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है जिसमें महिला सुरक्षाकर्मी भी मौजूद हैं सुरक्षा व्यवस्था की कमान खुद पुलिस क्षेत्राधिकारी लालगंज प्रमोद कुमार और प्रभारी निरीक्षक देवी वर शुक्ला ने संभाल रखी है मेला प्रभारी एसएसआई श्रीराम यादव बनाए गये है।
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