खेत-खलियान और किसान

फसलो के अवशेष को न जलाये कृषक, मिट्टी में मिलाकर बनायें खाद: जिलाधिकारी

विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर।
जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल जनपद किसान भाइयों से अपील करते हुये कहाकि फसल अवशेष को न जलाये, इनसे पोषक कार्बनिक खाद एवं बायोकोल, बायो सीएनजी तथा बायो एथेनाल का व्यावसायिक उत्पादन भी किया जा सकता है। जिलाधिकारी शनिवार को प्रातः कलेक्ट्रेट में किसान रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करते हुये उक्त अपील किसानों ने की। किसान रथ में किसानों को फसल अवशेष का न जलाने तथा उसके फायदें के बारे में जागरूकता के लिये कृषि विभाग के द्वारा एक किसान रथ संचालित किया गया है। यह किसान रथ जनपद में तीन दिन तक रहेगा, जो गांव-गांव जाकर प्रचार-प्रसार करेगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने फसल अवशेष का लाभ के बारे में बताते हुये कहा कि सफल अवशेषों से कम्पोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर प्रयोग करने से खेत की उर्वरकता में वृद्धि होती है तथा भूमि में लाभदायक जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि खेत की मृदा की भौतिक एवं रासायनिक संरचना सुधरती है तथा भूमि में जल धारण एवं वायु संचार क्षमता बढाती है। यह भी बताया कि फसल अवशेषों की मल्चिंग करने से खरपतवार कम होते है। तथा जल का वाष्पोत्सर्जन कम हो जाता है। जिलाधिकारी ने फसल अवशेष के जलाने से होने नुकसान के बारे में भी जानकारी देते हुये बताया कि फसलों के अवशेष को जलाने से उनके जड, तना, पत्तियां के लाभदायक पोषक तत्व नष्ट हो जाते है। तथा फसल अवशेषों को जलाने से मृदा ताप में वृद्धि होती है जिसके कारण मृदा के भौतिक, रासायनिक वं जैविक दशा पर वितरीत प्रभाव पडता है। यह भी बताया कि पादप अवशेषों में लाभदायक मित्र कीट जलकर मर जाते है। जिसके कारण वातावरण पर विरीत प्रभाव पडता है। उन्होंने कहा कि पशुओं के चारे की व्यवस्थ पर विपरीत प्रभाव पडता है तथा वायु प्रदूषण से अनेक बीमारियां तथा धुंध के कारण दुर्धटनायें भी हो सकती है।
         इस अवसर पर उप निदेशक कृषि डा0 अशोंक कुमार उपाध्याय ने जानकारी देते हुये बताया कि फसल अवशेषों को जलाने पर दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है, जिसमें कृषि भूमि का क्षत्र 02 एकड से कम होने की दशा में अर्थदण्ड रू0 2500/- प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्र 02 एकड से अधिक किन्तु 05 एकड से कम होने की दशा में अर्थदण्ड 5000/- रू0 एवं कृषि भूमि का क्षेत्र 05 एकड से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड रू0 15000/- प्रति घटना होगी। उन्होंने बताया कि कम्बाइन हावेस्टिंग मशीन का रीपर के बिना प्रयोग प्रतिबन्धित कर दिया गया है तथा कृषि अपशिष्ट के जलाये जाने की पृनरावृत्ति होने की दशा में लगातार दो घटनायें होने की दशा में सम्बन्धित कृषकों को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं यथा सब्सिडी आदि से वंचित किये जाने की कार्यवाही के निर्देश भी राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली द्वारा दिये गये हैं। उन्होंने सभी किसान भाइयों से अपील करते हुये कहाकि अपने फसल अवशेष को खेत में ही जात दें, वह खाद के रूप में परिवर्तित हो जायेगा। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी यू0पी0 सिंह, नगर मजिस्ट्रेट सुशील लाल श्रीवास्तव, उपजिलाधिकारी सदर गौरव श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!