एजुकेशन

जब हम अपने अधिकारों के प्रति सजग होते है तब कर्तव्य बोध स्वत: होने लगता है

विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर  

अज्ञान मेंह सक्षम बनाता है जिससे हम अपने जीवन को सरलतम बना सकते है ,जब हम अपने अधिकारों के प्रति सजग होते है तब कर्तव्य बोध स्वत: होने लगता है । एक मनुष्य के रूप में हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है कि अपने बच्चो को उनके अधिकारों से लाभान्वित करा सके यह बातें गुड़वीव इंडिया द्वारा ग्राम पंचायत करसड़ा के छोटकापूरा में आयोजित जागरूकता सत्र को संबोधित करते हुए संस्था के सहायक प्रबंधक श्री जयप्रकाश ने कहीं । उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लड़का हो या लड़की सभी का समान अधिकार है बालिकाओं के शिक्षा की महत्ता पर विचार रखते हुए क्षेत्राधिकारी सुरेन्द्र कुमार मौर्य ने बताया कि एक माता पिता होने के नाते समाज की पुरानी विचारधाराओं से प्रभावित होकर हमें लड़का लड़की में विभेद नहीं करना चाहिए । शिक्षा अधिकार को जीवन का सबसे अनिवार्य घटक बताते हुए डॉ. भोलानाथ ने कहा कि शिक्षा मनुष्य को जीवन जीने के स्तर में दशा और दिशा दोनों प्रदान करती है जिसमें शिक्षा रूपी ज्योति प्रदीप्त होगी उसका वजूद समाज में उतना ही उज्जवल होगा । जागरूकता सत्र का मुख्य उद्देश्य रहा की समुदाय के लोग बच्चों के अधिकारों को जानें जिससे बच्चों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिल सके,बैठक में गुडवीव इंडिया की ओर से अनीता मौर्या,इंदु देवी,नन्दनी मौर्या सहित समुदाय के तमाम अभिभावक उपस्थित रहे।

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