डिजिटल इंडिया और अशिक्षित गरीब बेसहारा जनता
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर( अहरौरा)।
अहरौरा नगरपालिका की सामुदायिक भवन में डी एम और एस पी मिर्जापुर सहित जिले के आला अधिकारी आये। गरीबों की फरियाद सुनी और त्वरित निस्तारण का आदेश दिया। जब सरकार से स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत का नारा दिया तब से घर घर शौचालय पर बल दिया गया और डूडा की योजना के तहत घर दिया जाने लगा। सर्वेक्षण करने पर गोला सहुवाईन के धोबी, खटिक और हरिजन तथा जंजीरा साई पहाड़ पर के अशिक्षित मुसहरों में भवन, शौचालय, कार्ड का अभाव था। सरकारी योजनाओं से ये गरीब कोसों दूर है। इनका कोई रहनुमा नहीं है। सरकारी योजनाओं का जुठन भी इनके हिस्से में अभी तक नहीं आयी है। यह सब डी एम साहब से मिलने गए थे लेकिन गंदे कपड़े में लिपटा इनका शरीर अन्दर नहीं पहुंच पाया। बाहर ही जानकारी हो गयी कि आवेदन आॅन लाइन होगा। सिस्टम सब डिजिटल हो गया है। गैस भी आॅन लाइन हो गया है । उन्हें आॅन लाइन, डिजिटल और सिस्टम समझ नहीं आया और वे अपने घरों को लौट गये। अशिक्षित गरीब जनता ने बताया कि सुविधाओं के लिए उन्हें मुकम्मल समाधान चाहिए जिसके लिए एक तय पैमाने के अन्तर्गत गरीबों के लिए विशेष सेल की स्थापना हो।शिक्षा शिविरों का भी इन क्षेत्रों में जरूरत है वर्ना आजादी के सौ साल बाद भी गरीबी का अन्त होना एक स्वप्न ही होगा।
इनके पास नही है शौचालय
श्याम लाल, असर्फी, सुरेश, मुन्नी पुत्र बनारसी, लाल व्रत पुत्र बद्रर, पुदीना बियार, संदीप हरिजन, बाबूलाल रामललित हरिजन, प्रभु निवासी गोला सहुवाईन और बौलिया ऐसे रहवासी जिनके पास स्वच्छ शौचालय नही है।
आवास ही नही शौचालय भी मयस्सर नही
गोला सहुवाईन के रहवासी जो वर्तमान मे दुर्गा जी पहाड़ पर जाकर बस गये है। अलीम पुत्र चिथरू, शुद्धू, असगर, अलीम, सलीम, चांद बाबू के अलावा इसी पहाड़ पर तीन अनाथ है इनके माता पिता ही नही बल्कि इनके पास जमीन भी नहीं है। पहाड़ पर खानाबदोश की जिदगी जी रहे हैं। जो दो भाई अट्ठारह वर्षीय, छोटा सोलह वर्षीय और एक बहन है जिसको कार्ड नहीं मिला है। सबसे बडी बात की इनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है।