0 ग्राम प्रधान ने वन विभाग को दी सूचना
ड्रमंडगंज/हलिया(मिर्जापुर)।
हलिया थाना क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी से सटे मड़वा धनावल गांव में बृहस्पतिवार की देर रात तेंदुए के अचानक हमले से एक गाय की दर्दनाक मौत हो गई। मड़वा धनावल ग्राम पंचायत के प्रधान रमेश सिंह का धनावल गांव में पाही है जहां उनके पिता राजेंद्र सिंह उर्फ राजा सिंह दो कमरे का पक्का मकान बनाकर अपने मवेशियों को पालने तथा खेती बाड़ी की देखभाल करते हैं। राजा सिंह धनावल गांव में बृहस्पतिवार को शाम को घर के सामने बेल के पेड़ के नीचे गाय तथा दो भैंस बांधकर घर के अंदर सोते हुए थे कि अचानक देर रात तेंदुए ने गाय पर हमला बोल दिया। गाय पर तेंदुए के हमला करने से बगल में बंधी भैंस छटपटाने लगी तथा खूंटा उखाड़ कर दौड़ने लगी। भैंसों की तेज आवाज सुनकर पशुपालक राजा सिंह लाठी और टार्च लेकर कमरे से बाहर निकले और टार्च जलाकर देखा तो तेंदुआ गाय पर हमला किये हुए था। जैसे ही टार्च की रोशनी तेंदुए के ऊपर पड़ी तेंदुआ जंगल की तरफ भाग निकला।
राजा सिंह ने अगल बगल के लोगों को तेंदुआ के हमले करने की आवाज लगाई तो ग्रामीण लाठी डंडा लेकर दौड़ पड़े लेकिन तब तक गाय ने दम तोड़ दिया था। तेंदुए के हमले से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गया है और जान माल की चिंता सताने लगी है। ग्राम प्रधान रमेश सिंह ने बताया कि धनावल गांव में पिता राजेंद्र सिंह दो कमरे का मकान बनाकर मवेशियों तथा खेती की देखभाल करते हैं। तेंदुए के अचानक हमले से गाय की मौत हो गई है, किन्तु संयोग ठीक था कि भैंस के बार- बार आवाज लगाने पर पिता जी की नींद खुल गई जिससे बगल में बंधी भैंस तथा उसका बच्चा बाल -बाल बच गया।
घटना की सूचना वन क्षेत्राधिकारी ड्रमंडगंज को दे दी गई है। ग्राम प्रधान संघ हलिया के अध्यक्ष शिव बाबू सेठ ने वनक्षेत्राधिकारी ड्रमंडगंज से वार्ता की और जंगल के इर्द गिर्द गांवों में वनकर्मियों द्वारा पेट्रोलिंग किए जाने के लिए कहा जिससे ग्रामीण भयमुक्त वातावरण में रहकर अपना कामकाज कर सकें। ग्राम प्रधान संघ अध्यक्ष शिव बाबू सेठ धनवाल गांव पहुंचकर पशुपालक राजेंद्र सिंह से घटना के संबंध में जानकारी प्राप्त की और घटना पर ढांढस बंधाया।
इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारी ड्रमंडगंज वीके तिवारी ने बताया कि मड़वा धनावल ग्राम प्रधान द्वारा तेंदुए के हमले से गाय के मौत की सूचना मिली है। मौके पर वनकर्मियों के साथ धनावल गांव जा रहे हैैं। कभी- कभी पानी तथा शिकार की तलाश में जंगल से रास्ता भटकते हुए वन्य जीव बस्तियों में चले आते हैं। तेंदुए से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वनकर्मियों की टीम गांव में तैनात की जाएगी तथा रात्रि गश्त बढ़ाया जाएगा। पशुपालक को उचित मुआवजा दिया जाएगा, जिसके लिए डीएफओ से वार्ता की गई है।