रेल समाचार

वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही के अंत तक उत्तर मध्य रेलवे द्वारा सौर ऊर्जा से 94 लाख यूनिट बिजली उत्सर्जित

० सौर ऊर्जा से तीन तिमाहियों में रु 3.82 करोड़ की शुद्ध राजस्व बचत
० इस दौरान 8000 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी
प्रयागराज, कानपुर, आगरा, झांसी, अलीगढ़ और अन्य स्थानो पर रेलवे प्रतिष्ठानों में स्थित सौर संयंत्रों ने पिछले वर्ष की तुलना में प्रदर्शन में सुधार दर्ज किया है।

० उत्कृष्ट रखरखाव, सौर ऊर्जा संयंत्र के संचालन की बहुत सघन मॉनिटरिंग और सौर मिशन-2021-22 के तहत किए गए अभिनव प्रयासों के कारण, उत्तर मध्य रेलवे में सौर संयंत्रों की उत्पादकता निरंतर बढ़ रही है

प्रयागराज।
उत्तर मध्य रेलवे ने वर्तमान वर्ष में अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान सौर ऊर्जा का उपयोग करके 94 लाख यूनिट बिजली उत्पन्न की है जबकि, अप्रैल-दिसंबर 2020-21 के दौरान सौर ऊर्जा से 81 लाख यूनिट बिजली उत्सर्जित की गई थी। यह पिछले वर्ष की तुलना में 16% अधिक है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण की ओर एक तेज़ और बड़ा कदम है बल्कि ऊर्जा का एक हरित स्रोत होने के कारण इससे राजस्व में भी पर्याप्त बचत हुई है।
उत्तर मध्य रेलवे ने अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान सौर ऊर्जा का उपयोग करके रु 3.82 करोड़ की शुद्ध राजस्व बचत हासिल की है।

वर्तमान में उत्तर मध्य रेलवे की कुल स्थापित क्षमता 11.03 मेगावाट है। इसमे से 120 kWp रेलवे द्वारा स्थापित किया गया है, शेष 10882.34 kWp क्षमता दो प्रमुख सौर ऊर्जा डेवलपर्स (SPD) Azure और ReNew द्वारा PPP आधार पर स्थापित की गई है।
स्टेशन भवन, कार्यशालाएं, ट्रेनिंग विद्यालय, महाप्रबंधक कार्यालय और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय भवन आदि प्रमुख स्थानों पर रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं ।
अप्रैल-दिसंबर के दौरान सौर ऊर्जा का उपयोग करके उत्तर मध्य रेलवे द्वारा कार्बन फुटप्रिंट में लगभग 8000 टन की कमी की गई है।
सौर संयंत्रों के प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण पैरामीटर कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर (सीयूएफ) है। उक्त अवधि के दौरान उत्तर मध्य रेलवे के सौर पैनलों ने 12.9 प्रतिशत का सीयूएफ दर्ज हुआ है। यह एक सराहनीय प्रदर्शन है।

‘सौर मिशन-उत्तर मध्य रेलवे ‘ के तहत, उत्तर मध्य रेलवे ने 2021-22 के लिए 1.3 करोड़ यूनिट की उच्चतम सौर ऊर्जा उत्पन्न करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे लगभग 5 करोड़ रुपये की बचत होगी, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में एक करोड़ रुपये अधिक है।

महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे श्री प्रमोद कुमार ने अपनी कुल गैर-कर्षण विद्युत ऊर्जा खपत में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए एक योजनाबद्ध तरीके से विशेष प्रयास का आह्वान किया है।
सौर ऊर्जा के प्रयोग के संवर्धन के लिए प्रयासरत प्रधान मुख्य बिजली इंजीनियर उत्तर मध्य रेलवे श्री सतीश कोठारी, ने बताया कि सौर संयंत्रों के रखरखाव को अत्यधिक महत्व दिया जा रहा है। इसके लिए उठाए गए कुछ कदम इस प्रकार हैं:

• प्रत्येक संयंत्र में इनवर्टर वार सौर ऊर्जा उत्पादन की मॉनिटरिंग की जा रही है।
• संयंत्रों की ऊर्जा और सीयूएफ % की मासिक के स्थान पर दैनिक मॉनिटरिंग की जा रही है।
• छत की मरम्मत, इनवर्टर, केबल आदि के कारण खराब संयंत्रों को ठीक किया गया है।
• सौर पैनलों की गुणवत्तापूर्ण सफाई पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
• सौर संयंत्रों के निकट सूर्य की किरणों को अवरोधित करने वाले पेड़ों की छंटाई।
• अनुरक्षण कर्मचारियों की ट्रेनिंग और संवेदीकरण के लिए 25 प्वाइंट सोलर मिशन रेडी रेकनर सचित्र रूप में जारी किया गया।
• हिंदी में 25 विषयों पर तकनीकी और व्यावहारिक उपयोगी वीडियो क्षेत्रीय पर्यवेक्षकों के ज्ञानवर्धन के लिए जारी किए गए हैं।
• ऊर्जा और अन्य महत्वपूर्ण डेटा के व्यवस्थित प्रलेखन और मॉनिटरिंग के लिए एस.एस.ई को सोलर डायरी की प्रणाली की शुरुआत की गई।

भविष्य की योजना :
स्वर्णिम डायगनल एवं स्वर्णिम चतुर्भुज के अंतर्गत आने वाले रेल मार्गों (लगभग 1320 एकड़) के साथ उपलब्ध खाली भूमि पर 249 मेगावॉट, रेलवे स्टेशनों (लगभग 185 एकड़) के पास खाली भूमि पर 46.25 मेगावाट, विभिन्न भवनों की छत के ऊपर 1.86 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्रों की उत्तर मध्य रेलवे परिक्षेत्र मे रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आरईएमसीएल) द्वारा स्थापना की कार्योजना पहले ही बना ली गई है।

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