0 यार्ड रिमाडलिंग के साथ ही प्रयागाराज छिवकी – नैनी तीसरी लाइन का कनेक्शन एवं DFCCIL लाइन का कनेक्शन पूर्ण
मिर्जापुर।
प्रयागराज मण्डल भारतीय रेल और उत्तर मध्य रेलवे के सबसे व्यस्ततम मंडलों में से एक है। प्रयागराज मंडल में लगभग 250 से अधिक ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार पर चल रही हैं जो कि भारतीय रेलवे के किसी भी अन्य मंडल में 130 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों की संख्या से कहीं अधिक है। प्रयागराज मंडल अपने यात्रियों को संरक्षित एवं समयबद्ध रेल यात्रा देने के लिए सदैव तत्पर रहा है। प्रयागराज मण्डल में आधारभूत संरचना के सुध्रिणीकरण के कार्य निरंतर चलते रहते है।
इसी क्रम में आज दिनांक 14.03.2022 को प्रयागराज छिवकी जंक्शन को नैनी जंक्शन से आने वाली तीसरी लाइन से जोड़ने तथा DFCCIL लाइन को छिवकी यार्ड से कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए छिवकी यार्ड का रीमाडिलिंग किया गया। गौरतलब है की इस कार्य की महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे श्री प्रमोद कुमार द्वारा व्यक्तिगत रूप से मानिटरिंग की जा रही थी , इस सम्बन्ध में महाप्रबंधक महोदय द्वारा हाल ही में दो बार प्रयागराज छिवकी स्टेशन का दौरा भी किया गया और चल रहे कार्य की समीक्षा की गई।
छिवकी यार्ड का रीमाडिलिंग के साथ ही, 413 रूट की क्योसन निर्मित नया डिस्ट्रिब्यूटेड इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कमीशनिंग किया गया। अब प्रयागराज छिवकी जंक्शन प्रयागराज मंडल का पांचवा सबसे ज्यादा रूट वाला स्टेशन बन गया है। इस नॉन इंटरलाकिंग कार्य से अब नवनिर्मित नैनी – छिवकी तीसरी लाइन की कनेक्टिविटी छिवकी की और से भी संपन्न हुई। शीघ्र ही सी आर एस इंस्पेक्शन के उपरांत इसपर परिचालन प्रारंभ किया जाएगा।
इस कार्य से इस खंड पर चलने वाली मेल -एक्सप्रेस ट्रेनों के समय पालन में सुधर आएगा। DFCCIL लाइन को छिवकी यार्ड से जोड़ने के लिए भी पूर्वी यार्ड में यार्ड रिमॉडलिंग किया गया। इसके उपरांत यार्ड में ट्रैक सर्किट की संख्या बढ़कर 138 हो गई है। पॉइंट मशीन की संख्या बढ़कर 87 तथा मुख्या सिग्नल की संख्या अब 34 हो गई है। मंडल द्वारा इन दोनों बड़े कार्य को एक ही NI के दौरान पूरा करके समय तथा मैनपॉवर दोनों की भारी बचत की है। यह मंडल रेल प्रबंधक के कुशल नेतृत्व का धोत्तक है।
उत्तर मध्य रेलवे की निर्माण शाखा एवं प्रयागराज मण्डल के संयुक्त प्रयास से इस जाटिल कार्य को पूर्ण किया गया, जिससे रेल गाडियों के समय पालन में काफी सुधार आएगा तथा मालगाड़ियों के एवरेज स्पीड में भी बढ़ोतरी हो सकेगी ।