आरोप-प्रत्यारोप

एक करोड़ के जमीन की हेराफेरी करने के आरोप में बैकफुट पर हुए रजिस्टार कानूनगो

0 छीन लिया गया पद, मूल वेतन पर करनी पड़ेगी अब नौकरी
मड़िहान, मिर्जापुर। 
तहसील में पट्टे की जमीन पर बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश का भूमिधरी कर दिया गया। मामला प्रकाश में आया, तो निरस्त भी कर दिया गया। खतौनी में आदेश व निरस्त दोनों दर्ज होने से मामला संगीन हो गया। आरोप सिद्ध होने पर एसडीएम ने रजिस्ट्रार कानूनगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। मामला क्षेत्र के बिशुनपुर गांव स्थित सड़क किनारे कीमती जमीन का है।
    तहसील रिकार्ड में विशुनपुर गांव निवासी कल्लू सिंह पुत्र सहतु सिंह व विमला देवी पत्नी पारसनाथ के नाम गांवसभा की भूमि पर दस बीघा का पट्टा दर्ज हो गया है। जबकि तहसील के पट्टा पत्रावली रिकार्ड में कुछ भी नही मिला। सड़क किनारे वेशकीमती जमीन की बाजारू कीमत लगभग एक करोड़ रुपये बतायी जा रही है। बताते हैं कि रजिस्ट्रारकानूनगों दलालों की साठगांठ से जमीन की नवैयत बदल दिया। मामला प्रकाश में आते ही तत्काल कंपीयूटर में आदेश को निरस्त भी कर दिया गया।
सम्बंधित आरके शिवकुमार चौबे व कंपीयूटर ऑपरेटर शाहिल श्रीवास्तव से स्पष्टीकरण मांगा गया था। संतोषजनक जबाब न मिलने पर शिवकुमार चौबे को बैकफुट पर जाना पड़ा, साथ ही मूल वेतन पर कर दिया गया। इस सम्बन्ध में उप जिला मजिस्ट्रेट अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि तहसीलदार नूपुर सिंह की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि जिमेदार पद पर रहते हुए कंप्यूटर में हेराफेरी की गई, आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई की गई है।
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