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0 गङ्गा हरीतिमा के लिए विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन
0 वन विभाग के स्मृतिवन मे ₹ 150 जमाकर कोई भी अपने परिजनों की स्मृति में पेड़ लगवा सकता है
भास्कर ब्यूरो, मिर्जापुर।
भास्कर ब्यूरो, मिर्जापुर।
मां गङ्गा की महत्ता की स्तुति, पौराणिक महत्ता पर चर्चा, वृक्षों से गङ्गा की रक्षा पर चिंतन के बीच गङ्गा-दशहरा का पर्व अत्यंत जीवंत और उल्लासपूर्ण माहौल में जनपद मे मनाया गया। इस अवसर पर अधिकाधिक वृक्षारोपण, संरक्षण एवं गङ्गा की निर्मलता के लिए अपील एवं संकल्प लिए गए।
मिर्जापुर वन प्रभाग द्वारा शुरू किए गए गङ्गा-हरीतिमा अभियान के चौथे चरण में गुरुवार को गङ्गा-दशहरा के अवसर पर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के सभाकक्ष में मुख्य अतिथि के रुप में नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने भगवान विष्णु के चरण, ब्रह्मा के कमंडल तथा शिव की जटा से निकली गङ्गा की शुचिता के लिए विविध पर्वों पर बहायी जाने वाली मूर्तियों के स्वरूप में बदलाव का जब मौलिक विचार प्रस्तुत किया तो सभाकक्ष में उपस्थित अधिवक्ताओं सहित हर वर्ग ने करतल-ध्वनि से उसका समर्थन किया। विधायक रत्नाकर मिश्र ने कहाकि बढ़ती आबादी एवं बढ़ती मूर्तियों को देखते हुए जरूरत यह है कि मिट्टी एवं केमिकल युक्त रंग के बजाय अब आटे की मूर्तियां बनाई जाएं और प्राकृतिक रंगों से उन्हें रंगा जाए क्योंकि गङ्गा प्रदूषण मुक्त नहीं होंगी तो आने वाली पीढ़ी को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ेगा। आटे की मूर्तियों का उपयोग मछलियों के चारे के रूप में भी होगा, जिनका गङ्गा की स्वच्छता में योगदान है।
बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा वाटर कूलर की मांग को स्वीकृत करते हुए रत्नाकर मिश्र ने दो वाटर कूलर कचहरी कैम्पस में विधायक निधि से लगाए जाने की घोषणा की। प्रारम्भ में श्री मिश्र ने कचहरी परिसर में मां सरस्वती का मन्त्रों के बीच पूजन अर्चन एवं दीप प्रज्जवलन किया एवं नीम तथा अशोक के पेड़ भी लगाए। विधायक का स्वागत करते हुए डीएफओ राकेश चौधरी ने गङ्गा हरीतिमा अभियान की विस्तृत जानकारी दी तथा अष्टभुजा में स्थापित किए गए स्मृतिवनकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ₹ 150 जमाकर कोई भी अपने परिजनों की स्मृति में पेड़ लगवा सकता है। उसकी रक्षा वन विभाग करेगा। बताया कि इस अवसर पर 51 पौधरोपण के लिए नगर विधायक ने धनराशि भी भेट किया। छानबे से आई एक महिला कार्यकर्ता ने गीत सुनाया।
मिर्जापुर वन प्रभाग द्वारा शुरू किए गए गङ्गा-हरीतिमा अभियान के चौथे चरण में गुरुवार को गङ्गा-दशहरा के अवसर पर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के सभाकक्ष में मुख्य अतिथि के रुप में नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने भगवान विष्णु के चरण, ब्रह्मा के कमंडल तथा शिव की जटा से निकली गङ्गा की शुचिता के लिए विविध पर्वों पर बहायी जाने वाली मूर्तियों के स्वरूप में बदलाव का जब मौलिक विचार प्रस्तुत किया तो सभाकक्ष में उपस्थित अधिवक्ताओं सहित हर वर्ग ने करतल-ध्वनि से उसका समर्थन किया। विधायक रत्नाकर मिश्र ने कहाकि बढ़ती आबादी एवं बढ़ती मूर्तियों को देखते हुए जरूरत यह है कि मिट्टी एवं केमिकल युक्त रंग के बजाय अब आटे की मूर्तियां बनाई जाएं और प्राकृतिक रंगों से उन्हें रंगा जाए क्योंकि गङ्गा प्रदूषण मुक्त नहीं होंगी तो आने वाली पीढ़ी को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ेगा। आटे की मूर्तियों का उपयोग मछलियों के चारे के रूप में भी होगा, जिनका गङ्गा की स्वच्छता में योगदान है।
बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा वाटर कूलर की मांग को स्वीकृत करते हुए रत्नाकर मिश्र ने दो वाटर कूलर कचहरी कैम्पस में विधायक निधि से लगाए जाने की घोषणा की। प्रारम्भ में श्री मिश्र ने कचहरी परिसर में मां सरस्वती का मन्त्रों के बीच पूजन अर्चन एवं दीप प्रज्जवलन किया एवं नीम तथा अशोक के पेड़ भी लगाए। विधायक का स्वागत करते हुए डीएफओ राकेश चौधरी ने गङ्गा हरीतिमा अभियान की विस्तृत जानकारी दी तथा अष्टभुजा में स्थापित किए गए स्मृतिवनकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ₹ 150 जमाकर कोई भी अपने परिजनों की स्मृति में पेड़ लगवा सकता है। उसकी रक्षा वन विभाग करेगा। बताया कि इस अवसर पर 51 पौधरोपण के लिए नगर विधायक ने धनराशि भी भेट किया। छानबे से आई एक महिला कार्यकर्ता ने गीत सुनाया।
इस अवसर पर रामजतन यादव, सुरेश त्रिपाठी, ग्रीन गुरु अनिल सिंह, सलिल पांडेय, साकेत पांडेय, सुधांशु चतुर्वेदी, सुनील सिंह आदि ने भी विविध दृष्टिकोणों से गङ्गा दशहरा, गङ्गा निर्मलता एवं वृक्षो की महत्ता पर प्रकाश डाला। अध्यक्षता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन मिश्र, धन्यवाद वंशराज यादव तथा सन्चालन लल्लू प्रसाद ने किया। इस अवसर पर नारायण जी उपाध्याय, कृष्ण मोहन त्रिपाठी, आनन्द स्वरूप श्रीवास्तव, दिलीप श्रीवास्तव, बच्चन राम कुशवाहा, रवींद्र पांडेय आदि वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद रहे।