0 तो घंटाघर से लालडिग्गी मे शिफ्ट हो जाएगा नगरपालिका कार्यालय
मिर्जापुर।
मिर्जापुर नगरपालिका के ऐतिहासिक घंटाघर को एक और डालमिया की तलाश है। दरअसल अब इस ऐतिहासिक भवन को कॉन्टैक्ट पर गोद देने के लिए कवायद शुरू होने को है। नगर के इस ऐतिहासिक भवन को म्यूजियम के रूप मे विकसित किये जाने के बाद अब आने वाले दिनो मे संभव है इस ऐतिहासिक विरासत को देखने के लिए लोगो को पैसा भी खर्च करना पड़ सकता है। नगरपालिका को इस ऐतिहासिक भवन को गोद लेने के लिए एक बडे एनजीओ की तलाश है। गुरूवार को लालडिग्गी कार्यालय पर नगरपालिका अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने वार्ता के दौरान बताया कि लाल किले की तर्ज पर केयर टेकर के लिए यह ऐतिहासिक भवन देने की विचार की जा रही है। कहाकि उक्त ऐतिहासिक भवन पर नगरपालिका का पूरा मालिकाना हक और अधिकार रहेगा। संबंधित सामाजिक संगठन से एक करार करके और उसके ऐवज मे मासिक अथवा वार्षिक आमदनी नगरपालिका को हो सकेगी। साथ ही इस ऐतिहासिक भवन की अच्छे ढंग से देखरेख हो सकेगी और एक म्यूजिक के रूप मे विकसित होकर आकर्षण का केन्द्र भी बनेगी। बताया कि सारी कार्रवाई सुनिश्चित हो गयी तो घंटाघर मे चल रहा नगरपालिका का कार्यालय खाली करके लालडिग्गी मे शिफ्ट किया जाएगा। बता दे कि सरकार के ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ स्कीम के तहत लाल किला को डालमिया ग्रुप ने पांच साल के कॉन्ट्रेक्ट पर गोद लिया है। डालमिया ग्रुप लाल किले पर हर साल करीब 5 करोड़ रुपए खर्च करेगा। इसमें लाल किले पर सुविधाएं को बढ़ाने और उसके सुंदरीकरण पर काम किया जाएगा। ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ स्कीम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पिछले साल पर्यटन दिवस के मौके पर शुरू की थी।
यह है घंटाघर की घड़ी का इतिहास
नगर के घंटाघर में 31 मई 1891 को सुप्रसिद्घ घड़ी का निर्माण हुआ था। घंटाघर की घड़ी का निर्माण शुद्घ देसी पत्थरों से किया गया था। जिसकी ऊंचाई लगभग 100 फुट है। काफी समय तक मिर्जापुर के लोगों को समय बताने वाली घड़ी लापरवाही के चलते बंद हो गई थी। इसके बाद तत्कालीन मंडलायुक्त सत्यजीत ठाकुर की पहल पर घंटाघर की घड़ी की मरम्मत शुरु हुई। इसके बाद तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष राजकुमारी खत्री और ईओ संजय कुमार ने लगभग चार लाख रुपये खर्च करके इंडियन टॉवर क्लॉक कंपनी के प्रोपराइटर बच्चन सिंह से घंटाघर की घड़ी का मरम्मत कराया था।
इनसेट मे….
और यह है ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ स्कीम?
उल्लेखनीय है कि ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ योजना पिछले साल सितंबर में शुरू की गई थी। पर्यटन दिवस के मौके पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इसकी शुरुआत की थी। इसके तहत ऐतिहासिक इमारतों के रखरखाव के लिए ‘मोनुमेंट्स मित्र’ चुने जाते हैं। अभी इस योजना में देश के 100 के करीब ऐतिहासिक इमारतों को शामिल किया गया है। जिसमें ताजमहल, चित्तौड़गढ़ का किला, महरौली पुरातत्व पार्क जैसी धरोहर शामिल हैं।