पडताल

जनपद मे अवैध मेडिकल स्टोर्स की भरमार, लाइसेंसी भी मानक को कर रहे तार तार

0 मेडिकल स्टोरों पर बिक रहे ज्यादे कमिसन, कटिंग एवं दो नंबर का दवा
0 बिना पक्की रसीद के की जा रही है दवा की बिक्री।
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।

जिले मुख्यालय से लेकर मिर्जापुर वाराणसी मार्ग पर रिवा रोड, रावरटसगंज रोड या फिर इलाहाबाद मार्ग हो या फिर गाव गिराव के चट्टी चौराहे। सभी जगह पर अवैध ढंग से सैकडो मेडिकल स्टोर का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने चाय पानी की दुकान की तरह मेडिकल स्टोर संचालित कर लोग वही से नीम हकीम गिरी भी कर रहे है। आश्चर्य की बात तो यह है कि संबंधित विभाग एक दो दिन अभियान चलाकर केवल सेटिंग कर बैठ जा रही है। आलम यह है कि जिन्हे लाईसेंस भी दिया गया है वे मेडिकल स्टोर न तो विभागीय मानको को पूरा करते नजर आते है और न ही इनके पास दवा रखने का समुचित प्रबंध हचला है। जिनके पास लाइसेंस है तो वे स्थल के मानक, जीएसटी एवं अन्य मानक पर खरा नही उतरते। यही नही मेडिकल स्टोर पर हर समय फार्मासिस्ट की उपस्थिति अनिवार्य होती है,  लेकिन उपस्थिति तो दूर फार्मासिस्ट के दर्शन तक नही होते। दरअसल मेडिकल स्टोर संचालन करने वाले लोग किसी भी फार्मासिस्ट होल्डर का डिप्लोमा लगाकर लाइसेंस लेने लेते है और उक्त डिग्री के ऐवज मे फार्मासिस्ट को एक निश्चित राशि हर महिने देकर अपने कर्तव्य का इतिश्री समझ लेते है और मनमाना ढंग से दवाओ की बिक्री करते है।
पड़री थाना क्षेत्र के पडरी बाजार सहित भरपुरा, डगमगपुर, अघवार, आमघाट, पड़री व गढ़ैया नाला, दाढ़ीराम, लहौरा, समेत अन्य जगहों पर झोलाछाप डाक्टरों के तरह झोलाछाप मेडिकल स्टोर का भी संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। कुछ तो मेडिकल स्टोर वाले झोलाछाप डाक्टरों से ताल मेल बैठाकर सैंपलिंग व ज्यादे कमिसन वाली दवाईयो का विक्री भी धड़ल्ले से कर रहे है। लगे हाथ बताते चले की इन झोलाछाप मेडिकल स्टोरों के दुकानों से कटिंग एवं नंबर दो के दवाइयों का भी विक्री गोपनीय तरीके से अंदर के स्टोरों से किया जाता है। कुछ तो मेडिकल स्टोर वाले बड़े बड़े अक्षरों में मेडिकल स्टोर के जगहों पर मेडिकल एजेंसियों का बोर्ड लगाए बैठे है।क्षेत्रीय जनता का कहना है कि इन मेडिकल स्टोरों के दुकानों से ज्यादातर वही दवाइया बेची जाती है। जिस पर इन लोगो को अच्छा खासा कमिसन मिल पाता है। कमोबेश यही स्थिति जनपद के सभी प्रमुख बाजारो और चट्टी चौराहो की है। लेकिन इस पर नियंत्रण रखने वाला अमला ही किंकर्तव्यविमूढ बना हो तो फिर कहना।
क्षेत्र के कुछ लोगो ने ऐसे मेडिकल स्टोरों की जांच कराकर कार्यवाही की माग की है जो पूर्ण रुप से फर्जी एवं कटिंग व ज्यादे कमिसन की दवाईयो की बिक्री कर रहे है और बात भी सही है।जब कभी ड्रग बिभाग की टीमें जांच में चलती है तो ज्यादातर मेडिकल स्टोर के दुकानो की सटरे बंद मिलती है। आखिर सव कुछ सही रहता है। तो दुकानो को जांच टिम के आने की जानकारी होने पर दुकानो को बंद करने की क्या जरूरत है। फर्जी तरीके से मेडिकल स्टोर संचालन करने वाले लोगो के खिलाफ कार्यवाही करने की माँग क्षेत्रिय लोगो ने मुख्य चिकित्साअधिकारी व जिलाधिकारी महोदय से की है।जिससे इसपर अंकुश लग सके।

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