मीरजापुर।
हलिया विकास खंड के उमरिया में स्थित गो-आश्रय स्थल के पास पाए गए मृत गोवशो के जांच के लिए जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने तत्काल संज्ञान लेते हुए तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी हलिया व मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की तीन सदस्यीय टीम गठित कर को मौके पर भेजकर जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। संयुक्त जांच आख्या में पाया गया कि गौ आश्रय स्थल में किसी पशु की मृत्यु नही हुई हैं।
गौ आश्रय स्थल में 299 गौवंश एवं 53 बछड़े संरक्षित पाये गये, गौवंशों के भरण पोषण हेतु लगभग 150 कुन्तल भूसा उपलब्ध हैं। ठण्ड से बचाव हेतु तिरपाल की व्यवस्था पायी गयी तथा मौके पर अलाव भी जल रहा था। गौ आश्रय स्थल से 500 मीटर की दूरी पर 05 गौवंशो के अवशेष पाये गये जिनके विषय में पूछने पर गजराज पुत्र खिालाड़ी निवासी ग्राम पहाड़ी थाना शाहपुर तहसील हनुमना मध्य प्रदेश द्वारा बताया गया कि जिला पंचायत द्वारा हड्डी निकालने हेतु मुझे लाइसेंस मिला हुआ हैं, जिसमें हरी, करौदिया व मध्य प्रदेश की सीमा सहित सभी ग्रामों से हड्डी इकट्टा करके यहां पर रखे जाते हैं।
उनके द्वारा बताया गया कि यह कार्य वह लगभग 25 वर्षो से इसी स्थान पर इकट्टा करता रहा है। इसमें आज गांव के लोग ही यहां पर जानवर फेंके हैं। गौशाला का कोई गौवंश यहां पर नही फेका जाता वह स्वंय अपनी व्यवस्था करते हैं। श्री गजराज यहां से अन्यत्र स्थान पर व्यवस्था करने हेतु निर्देशित किया गया हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व चिकित्साधिकारी द्वारा पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिनमें कोई पशु बीमार नही पाया गया। सभी पशु स्वस्थ्य हैं तथा कोई गौवंश मृृत नही पाया गया। इस प्रकार जांच से स्पष्ट हैं कि वायरल किये गये वीडियों में दर्शाये गये पशु गौशाला से 500 मीटर की दूर ग्रामीणों द्वारा अपने गौवंश फेके गये हैं, जिनका से कोई सम्बंध नही हैं।
जिलाधिकारी द्वारा अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को निर्देशित किया गया कि ठेकेदार गजराज को निर्देशित करे कि मृत पशुओं का निस्तारण आदि का कार्य गौशाला से दूर स्थान पर, घेर कर किया जाए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी समस्त खंड विकास अधिकारी एवं पशु चिकित्साधिकारी को पुनः सख्त निर्देश दिया कि गो आश्रय केंद्रों के विषय में सदैव सतर्क रहे और पशुवों की संरक्षण में कोई कमी न रह जाए।