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डीएम प्रियंका निरंजन का अभिनव प्रयोग: मिर्जापुर मे समूह की महिलाओं ने लिया दरी कालीन बुनाई का प्रशिक्षण, चलाया लूम

0 कार्ययोजना बनाने हेतु डीएम ने सीडीओ की अध्यक्षता में मिर्जापुर दरी कालीन विकास समिति का किया था गठन
0 पटेहरा विकास खंड मे संयुक्त आयुक्त उद्योग ने कराया शुभारंभ
विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर।

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन द्वारा मिर्जापुर मे नये प्रयोग को अमली जामा पहनाने हुए सीडीओ विशाल कुमार के मार्गदर्शन मे संयुक्त आयुक्त उद्योग वीरेन्द्र कुमार ने अथक प्रयास और परिश्रम करके मिर्जापुर दरी कालीन विकास समिति के माध्यम से शनिवार को जिले के पटेहरा कला स्थित विकास खंड कार्यालय के बहुउद्देशीय हाल में विभिन्न समूह की महिलाओं का ओरिएंटेशन कार्यक्रम तथा उनके लूम पर दरी व कालीन बनने के प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम में उपायुक्त उद्योग वीरेंद्र कुमार खंड विकास अधिकारी विजय शंकर त्रिपाठी व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत अमरेश यादव मास्टर ट्रेनर द्वारा अन्य ट्रेनरों के माध्यम से लूम पर महिलाओं को दरी बुनाई का प्रशिक्षण देकर उसकी बारीकियां  बताई गई। आने वाले समय में यह प्रशिक्षण व्यवस्थित रूप से प्रारंभ होगा तथा महिलाओं को प्रशिक्षित बनाकर बुनकरों की जो कमी कालीन निर्माता द्वारा महसूस की जा रही है, उनके संख्या बल में वृद्धि होगी और महिलाओं की आजीविका आय में वृद्धि के माध्यम से अपने पारिवारिक स्तर को भी उठाने में सहयोग मिलेगा तथा वह भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगी।

संयुक्त आयुक्त उद्योग वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि उद्योग बंधु की विभिन्न बैठकों में कालीन दरी निर्माताओ द्वारा हमेशा यह मांग उठाई जा रही थी कि जब से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाल श्रम का मुद्दा उठाया गया है, तब से कालीन दरी के कारीगरों की कमी हो गई है। दरी व कालीन के कारीगरों की कमी की भरपाई के लिए जिले की डीएम प्रियंका निरंजन द्वारा एक अभिनव प्रयोग करने का सुझाव प्रेषित किया गया था, जिसके अंतर्गत समूह से और आदिवासी महिलाओं को कालीन प्रशिक्षण देकर कालीन के बुनकरो की संख्या बढ़ाने का एक कार्य योजना बनाने हेतु मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार की अध्यक्षता में एक मिर्जापुर दरी कालीन विकास समिति का गठन किया गया था।

मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार द्वारा इस कार्यक्रम में विशेष रुचि लेकर गठित समिति को मार्गदर्शन दिया गया। दिन प्रतिदिन कार्ययोजना की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए गए। किस प्रकार मॉड्यूल बनाया जाए, किस प्रकार प्रशिक्षित कराया जाए, क्या शेड्यूल हो, कौन मास्टर ट्रेनर्स होंगे। रॉ मटेरियल और लोन की व्यवस्थाएं कराई गई। इसमें आईसीटी का भी सहयोग लिया जा रहा है। इससे के उनके द्वारा जो प्रशिक्षण का मडल बनाया गया है। उसी के अनुसार यह प्रशिक्षण प्रारंभ कराया जाएगा।

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