0 प्रभावित अंगों की नियमित साफ-सफाई व देखभाल के लिए दी गई एमएमडीपी किट
मीरजापुर। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) गुरुसंडी में फाइलेरिया से ग्रसित 53 रोगियों को रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम (एमएमडीपी) किट और आवश्यक दवा प्रदान की गई। मलेरिया निरीक्षक विनय सिंह ने सभी रोगियों को घाव की नियमित सफाई के तरीके, योगा व सामान्य व्यायाम के बारे में बताया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में किया गया
मलेरिया निरीक्षक विनय सिंह ने सभी रोगियों को एमएमडीपी किट के बारे में प्रशिक्षित किया। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया ग्रस्त अंगों मुख्यतः पैर की साफ-सफाई रखने से संक्रमण का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है। इसके प्रति लापरवाही बरतने पर अंग खराब होने लगते हैं। इससे समस्या बढ़ जाती है। संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए दवा भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की साफ-सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए एमएमडीपी किट प्रदान की जा रही है। इस किट में एक-एक टब, मग, बाल्टी तौलिया, साबुन, आदि शामिल हैं। पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य समुदाय को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही बीमारी से जुड़े मिथक को भी दूर कर रहे हैं। मलेरिया निरीक्षक ने सभी आशा कार्यकर्ताओं और संगिनी को फाइलेरिया (हाथ-पैरों में सूजन और अंडकोषों में सूजन) के कारण, लक्षण, पहचान, जांच, उपचार व बचाव आदि के बारे में विस्तार से बताया। फाइलेरिया की सभी ग्रेडिंग (हाथ-पैरों में सूजन व घाव की स्थिति) के बारे में जानकारी दी। एमएमडीपी किट को हाथीपांव ग्रसित रोगियों के उपयोग के बारे में बताया।