0 सीएम योगी का दौरा: आचार-संहिता का पालन करते रहे बड़े अधिकारी
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ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह के पिता विजय नरायण सिंह का 94 साल की अवस्था मे निधन हो गया था। निधन के बाद जिला से प्रदेश स्तर के भाजपाजनो मे शोक की लहर दौड़ गई थी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शनिवार को हलिया के बैधा गांव स्थित अरूण सिंह के पैतृक आवास पर पहुंच सीएम आदित्यनाथ योगी ने शोक संवेदना व्यक्त करने के साथ ही तेरहवी संस्कार के उपलक्ष्य मे आयोजित भोज मे भाग लिया।
सीएम के आगमन पर सामान्यतया मुख्यमंत्री के जिले में आगमन पर हेलीपैड पर उन्हें सबसे पहले डीएम एसपी रिसीभ करते हैं, लेकिन नगर-निकाय चुनाव के चलते हलिया में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरुण सिंह के पिता की त्रयोदशी में आए मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ के आगमन पर उक्त अधिकारी हेलीपैड पर रिसीभ न कर व्यवस्था संचालन में ही लगे रहे। आचार-संहिता एवं शोक कार्यक्रम की वजह से मांग, पत्रक, शिकवा, शिकायत का कोई अवसर किसी को नहीं मिल सका जबकि कुछ लोग इस फिराक में थे कि मौका पाकर मुख्यमंत्री से कुछ कहें। लखनऊ से ढेरों अधिकारियों के न आने के कारण जिले एवं मण्डल के कुछ विभागों के ही अधिकारी मौके पर रहे।
15 मिनट लेट आए सीएम योगी
राष्टीय महासचिव के पिता के तेरहवी संस्कार मे सीएम योगी निर्धारित समय से 15 मिनट लेट आए। पार्टी कार्यकर्त्ता एवं पत्रकारों के लिए जो लक्ष्मण रेखा खींची गई थी, उसका सिक्योरिटी आफिसरों ने कड़ाई से पालन कराया जिससे उक्त क्षेत्रों के प्रमुख लोगों को मुख्य पण्डाल की ओर नहीं जाने दिया गया ।
बने तीन हेलीपैड, उतरा सिर्फ एक हेलीकॉप्टर
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह के पिता जी के तेरहवी संस्कार के उपलक्ष्य मे उनके बैधा हलिया स्थित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सीएम यूपी आदित्यनाथ योगी और सीएम मध्य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान के आने की संभावना थी। ऐसे मे जिला प्रशासन ने तीन हेलीपैड तैयार कराया रखा था। दरअसल यह तय था कि गृहमन्त्री राजनाथ सिंह एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान भी आएंगे लेकिन ये लोग किसी कारण वश नहीं आ सके।
अस्थाई पैच वर्क से ही चलाया गया काम
जनपदवासियो को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री के आगमन पर विशेष बजट आएगा ताकि मिर्जापुर से हलिया तक बुरी तरह से खराब सड़क पर जो बड़े बड़े गड्ढे जो बन गए हैं, वे पट जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कुछ ही जगह पैच वर्क हुआ। मिर्जापुर से हलिया जाने में कठिनाई को देखते हुए बहुत से अधिकारी मुख्यमंत्री के आगमन की व्यवस्था मुकम्मल करनै मड़िहान के दीपनगर के रास्ते हलिया गए। वही दूसरी तरफ क्षेत्रीय लोग भी सड़क कठिनाई का मुद्दा नहीं उठा सके ।