राजनीतिक कोना

हाय रे हाय! यह क्या हुआ, कैसे हुआ

ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर (अहरौरा) शासनादेश की आरक्षण सूची में अभी कुछ दिन पूर्व ही अहरौरा नगर पालिका को पिछड़ा वर्ग के लिए सुरक्षित किया गया था। पिछड़े वर्ग में हर्ष की लहर दौड़ गई और हर दल ने अपने चेयरमैन पद के प्रत्याशी के चेहरे को इशारा कर दिया था। इसलिए हम किसी से कम नहीं की तर्ज पर पोस्टर, बैनर से बिजली के खंभे सार्वजनिक जगह पट रहे थे।

खादी के कुर्ते और पैजामे दर्जियों के यहाँ दिये जा चुके थे और चौपालों पर पिछड़ी जाति के भावी प्रत्याशी लोगों का चौपाल शुरू हो चुका था। मगर आज जब सुबह चायपान के पैसे भीड़ को चुकाना पड़ा, तो सब के सब अवाक हो गये थे क्योंकि भावी नेताजी जो चेयरमैन पद के प्रत्याशी होने थे आज भी बैठे थे और कुछ तो गलतफहमी में इनके चक्कर में चाय पी लिये जिंहें पैसे बाकी करके वहां से जाना पड़ा। बैनर पोस्टर के बाकी पैसे और अर्द्ध प्रिंटेड पोस्टरों की चिंता छपाई खाने वालों को सताने लगी है। क्योंकि रात की सूचना थी कि शासन ने अहरौरा नगर पालिका को लगातार तीसरी बार अनुसूचित चेयरमैनी करके रिकार्ड कायम किया है तो सुबह लोगों ने पूछना शुरू कर दिया कि हाय!

यह क्या हुआ, कैसे हुआय और क्यूँ हुआ? उत्तर प्रदेश शासन नगर विकास अनुभाग – 1 में दायर आपत्तिपत्र पर सूनवाई से अहरौरा की सीट बदली है। जिसके कारण अहरौरा की राजनीति में हलचल मच गई है।

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