जन सरोकार

खनन माफियाओ के चलते ट्रांसमिशन टावरो के अस्तित्व पर संकट के बादल

मड़िहान क्षेत्र में एक बार फिर से सक्रिय हुए खनन माफिया
0 तहसील के आस पास विस्फोट से लोगो का जीना हुआ दुस्वार
सुुनील गुप्ता’सोनू’
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर(मड़िहान)। मड़िहान तहसील के ईर्द गिर्द अवैध बिस्फोटक से ट्रांसमिशन टावरो से खतरा साफ नजर आ रहा है। ऐसे मे नही सिर्फ आसपास बल्कि चहुंओर पाच किलोमीटर तक लोगों का जीना भी  दुश्वार हो गया है। जहाँ एक तरफ क्रशर प्लांटों के लिए सरकार ने अलग अलग नियम लागू किया है स्पष्ट निर्देश है कि प्लांट क्षेत्र मे हरियाली बनाये रखने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण कराये। वही खनन माफियाओं द्वारा सारे नियम को ताक पर रख कर भारी मात्रा में बिस्फोट कर ये जाहिर कर दे रहे हैं कि वाकई इनके आगे किसी की नही चलती और ये खुल्लम खुल्ला पर्यावरण की धज्जिया उडा रहे है।

आरोप है कि मड़िहान में जितने भी क्रशर प्लांट चल रहे हैं।  उनमे कुछ ऐसे क्रेसर प्लांट हैं, जिनके पास पूरे कागजात नही हैं और वे मानको को भी पूरा नही  करते है और बस पैसे के दम पर चल रहे हैं। क्रशर किसी के पास भंडारण का लाइसेंस नही है और ना ही कोई भी डस्ट या प्रदुषण रोकने का उपाय कर रहे हैं। जबकि शाशन का सख्त आदेश है कि जो भी क्रशर प्लांट चलाये जा रहे हैं। उनकी ऊंची बाउंड्री होनी चाहिए और पानी का छिड़काव भी होना चाहिए।  जिससे कि लोग कम से कम सांस तो ले सके पर ऐसा कुछ भी नही है। जिसके चलते क्षेत्र के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। पर आम जनता इन खनन माफियाओं के आगे घुटने टेक के जीने पर मजबूर है और होना भी चाहिए क्यूंकि जब प्रशाशन की नही चल रही तो एक आम आदमी क्या कर सकता है। इस प्रदूषण से पानी भी दूषित हो रहा है और इसके अगल बगल के विद्यालय मे पढ़ रहे छात्रो के जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा  हैं जिससे कि बच्चे भी अपने आप को असुरक्षित ही महसूस करते हैं अभी हाल ही में आश्रम पद्वति विद्यालय में घटना घटी थी 109 बच्चे बीमार हुए थे। लोगों का कयास है कि इसका कारण खराब प्रदूषण दुषित वातावरण ही है इन सब को देखते हुए भी बिना किसी सुरक्षा के हो रहे बिस्फोट से हाई बोल्टेज ट्रांसमिशन टावरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। जो कि कभी भी एक बड़ी घटना घट सकती है। वजह यह है कि टावर के फाउंडेशन के करीब ही बिस्फोट किया जा रहा है। जब ब्लास्टिंग की जाती है तो उस समय पूरा मड़िहान तहसील परिसर व पास के मकान भी कांप उठते  है। तो ये टावर कितने सेफ हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है।

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