0 अहरौरा के पहली बार बड़े पैमाने पर कंबल वितरण
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर(अहरौरा)।
पांडाल सजा था। हजारों की संख्या में बुजुर्ग एक अहाते में बैठे थे। रंगारंग दैवीय कार्यक्रम का मंचन हो रहा था। कृष्ण राधा भेषधारी कलाकार नृत्य कर रहे थे। नगर पालिका अहरौरा के अधिकारी, संभ्रांत नागरिक कुर्सी लगाकर बैठे थे और कर्मचारी सहयोग मे लगे थे। अवसर था नगर पालिका के चेयरमैन गुलाब दास मौर्या के नाती अनय मौर्या के जन्मदिन मनाने का।
इस अवसर पर गरीब बुजुर्गो का हुजूम आखिरकार वहाँ क्यों आती जा रही थी? लगातार अस्त व्यस्त कपड़ों में, फटे पुराने वस्त्रों में लिपटे ये बुजुर्ग अपने आर्थिक हालात का बयां शांत बैठे कर रहे थे। इन बुजुर्गों के सहारे लाठियां जमीन पर बिछी थी लेकिन बार बार मिल रहे सम्मान से इनके चेहरे पर मुस्कान तैर जा रही थी, मानो कोई ऐसा है जो सामने आकर इनके दुखों को हर लेगा। यह सब अहरौरा दुर्गा जी मंदिर के नीचे नगर पालिका परिषद् के बाउंड्री में हो रहा था। हजारों की संख्या में बैठे लोगों को कंबल ओढाकर उनको सम्मानित किया जा रहा था और इन बुजुर्गों को लग रहा था कि अभी भी कोई है जो हमारा ख्याल रखता है। अहरौरा बाजार के सारे कंबल बिक गये। गठ्ठरों के गठ्ठर कंबल पहले ही बनारस से मंगाये गये थे। लेकिन सब कम पड़ गये थे मगर आने वाला कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा। अहरौरा के इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर गरीबों, असहायों बुजुर्गों को कंबल गुलाब मौर्य की ओर से वितरित किया गया।
जनचर्चाओं पर ध्यान दे तो ऐसे कड़ाके के ठंड में बिना कोई उद्देश्य कंबल वितरित करना सराहनीय कार्य था जबकि कंबल वितरण के कार्यक्रमों में अक्सर लोग दूसरे कंधे पर ही बंदूक चलाते हैं। इस अवसर पर धनश्याम पटेल, प्रमोद केशरी, ई ओ विनय तिवारी, जेई अमिरेन्द्र सिंह और सारे सभासद मौजूद रहें।
इस अवसर पर गरीब बुजुर्गो का हुजूम आखिरकार वहाँ क्यों आती जा रही थी? लगातार अस्त व्यस्त कपड़ों में, फटे पुराने वस्त्रों में लिपटे ये बुजुर्ग अपने आर्थिक हालात का बयां शांत बैठे कर रहे थे। इन बुजुर्गों के सहारे लाठियां जमीन पर बिछी थी लेकिन बार बार मिल रहे सम्मान से इनके चेहरे पर मुस्कान तैर जा रही थी, मानो कोई ऐसा है जो सामने आकर इनके दुखों को हर लेगा। यह सब अहरौरा दुर्गा जी मंदिर के नीचे नगर पालिका परिषद् के बाउंड्री में हो रहा था। हजारों की संख्या में बैठे लोगों को कंबल ओढाकर उनको सम्मानित किया जा रहा था और इन बुजुर्गों को लग रहा था कि अभी भी कोई है जो हमारा ख्याल रखता है। अहरौरा बाजार के सारे कंबल बिक गये। गठ्ठरों के गठ्ठर कंबल पहले ही बनारस से मंगाये गये थे। लेकिन सब कम पड़ गये थे मगर आने वाला कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा। अहरौरा के इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर गरीबों, असहायों बुजुर्गों को कंबल गुलाब मौर्य की ओर से वितरित किया गया।
जनचर्चाओं पर ध्यान दे तो ऐसे कड़ाके के ठंड में बिना कोई उद्देश्य कंबल वितरित करना सराहनीय कार्य था जबकि कंबल वितरण के कार्यक्रमों में अक्सर लोग दूसरे कंधे पर ही बंदूक चलाते हैं। इस अवसर पर धनश्याम पटेल, प्रमोद केशरी, ई ओ विनय तिवारी, जेई अमिरेन्द्र सिंह और सारे सभासद मौजूद रहें।