मिर्जापुर मे जननी शिशु सुरक्षा योजना का निकल रहा जनाजा
0 पीएचसी-सीएचसी पर बच्चा पैदा होने के कुछ ही देर बाद कर दी जाती है छुट्टी
0 एम्बुलेंस संचालको पर भी सौदेबाजी करने के लग रहे आरोप
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर। जिले के बरकछा पीएचसी पर महिला को प्रसव कराने के कुछ घंटे बाद डिस्चार्ज करने और उसे एम्बुलेंस द्वारा घर से काफी पहले छोडकर लौट आने के बाद 25 वर्षीय महिला की मौत ने स्पष्ट कर दिया है कि जिले के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो पर सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जननी शिशु सुरक्षा योजना के क्रियान्वयन मे खोट को साबित करना है। जिले के अधिकांश स्वास्थ्य केन्द्रो पर शासन स्तर से बच्चे को जन्म देने के उपरांत उन्हे पौष्टिक आहार देने के लिए आने वाले बजट का बंदरबांट करने के लिए न सिर्फ योजना का पलीता किया जा रहा है बल्कि प्रसव के कुछ ही समय बाद छुट्टी देकर उन्हे मौत की मुह मे झोककर योजना का जनाजा निकालाजा रहा है।
बताया चले कि जिले के सभी पीएचसी-सीएचसी पर और उपकेन्द्रो पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा शासन स्तर से संचालित जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओ को प्रसव सुविधा देते हुए उन्हे कम से कम तीन दिन तक उसी स्थल पर रखकर सरकारी बजट से पौष्टिक आहार मीनू के अनुसार देने का आदेश है। लेकिन बताया जाता है कि ज्यादातर केन्द्रो पर बिना मुट्ठी गर्म किये गर्भवती महिलाओ का प्रसव नही कराती है। किंकर्तव्यविमूढ बनी ऐसी स्टाफ नर्स जब कभी किसी दबाव या कारण से कर्तव्य बोध भी करती है तो उन्हे बेटा बेटी पहला पहल कहकर बख्शीश के तौर पर मुट्ठी ही गरमाया जाने का आरोप लगते रहते है। आरोप है कि जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत निर्धारित दिनो तक जच्चा बच्चा की देखरेख केन्द्र पर करने की बजाय उसे मदद मे आने वाले बजट का बंदरबांट करने के लिए मुट्ठी गर्म कराने वाली महिलाओ को बच्चा जन्म लेने के बाद छुट्टी देकर एक तरफ बाहबाही लूटी जाती है और दूसरी तरफ जच्चा बच्चा के स्वास्थ्य से खिलवाड किया जाता है। कहावत भी है कि दक्षिणा से मतलब ब्रिटेन मरे चाहे कन्या। कहने का तात्पर्य यह है कि जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत आने वाले बजट पर गिद्ध दृष्टि लगाये बैठे विभागीय लोगो को जैसे जच्चा बच्चा के स्वास्थ्य से कोई लेना देना ही नही रह गया है।
मातहतो द्वारा ऐसी महत्वाकांक्षी योजना का किस कदर जनाजा निकाला जा रहा है। इसका पता करना होगा तो जिले के किसी भी पीएचसी-सीएचसी पर हुए एक महिने मे प्रसव का आकडा लेकर प्रसव लाभार्थी महिलाओ से संपर्क कर दूध का दूध और पानी का पानी विभागीय अधिकारी भी कर सकते है। किसी वास्तव मे किस कदर अधिकारो की जानकारी से महरूम गवई जनता से कैसे एम्बुलेंस संचालको द्वारा यातायात के नाम पर मुट्ठी गर्म किया जाता है और पीएचसी-सीएचसी केन्द्र पर शिशु के जन्म के बाद उन्ही के अधिकारो को पाने से वंचित कर यथाशीघ्र छुट्टी दे दी जाती है।
प्रसव के कुछ ही समय बाद महिला को मिली छुट्टी, मौत
0 एम्बुलेंस भी घर से पहले उतारकर निकल लिया, पैदल चलकर जाना पडा
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर(मडिहान)। जिले के मडिहान थाना क्षेत्र के देवरी उत्तर गांव के खैरहिया निवासी महिला की बरकछा स्थित सरकारी अस्पताल (पीएचसी) पर प्रसव के कुछ ही घंटे बाद मौत होने का मामला संग्यान मे आया है। महिला के परिजनो ने प्रसव करने मे लापरवाही के साथ ही अन्य गंभीर आरोप लगाये है। जानकारी के अनुसार मडिहान थाना क्षेत्र के देवरी उत्तर गांव के खैरहिया निवासी शिवमूरत अपनी 25 वर्षीय गर्भवती पत्नी संगीता को लेकर सोमवार को एम्बुलेंस से बरकछा स्थित सरकारी अस्पताल(पीएचसी) पर डिलेवरी कराने के लिए गया था। बताते है कि दोपहर दो बजकर पैंतालीस मिनट पर डिलेवरी होने के बाद स्टाफ नर्स आदि ने उसे दो तीन घंटे बाद छुट्टी दे दी। वह एम्बुलेंस से अपने घर के लिए निकला। आरोप है कि एम्बुलेंस संचालक ने उसे उसके घर के निकट न छोडकर घर से काफी पहले उतार कर निकल लिया। ऐसे मे घर पहुचने के कुछ ही घंटे बाद महिला की मौत हो गई। मृतक के पति ने डॉक्टर की लापरवाही से मौत होने का आरोप मढा है। प्रशव कराने गयी महिला को बच्चा पैदा होते ही अस्पताल से डाक्टरों ने घर भेजा। एम्बुलेंस भी घर से दो किलोमीटर पहले छोड़कर वापस हुआ। ऐसे मे महिला अपने घर तक पैदल जाने को मजबूर हुई। बताते है कि देर शाम होते ही महिला की मौत हो गई। मृत महिला को पहले से ही एक लड़का और एक लड़की है। इस घटना के बाद से ही पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
सीएमओ बोले: नही है इसकी जानकारी
इस बाबत बात किये जाने पर सीएमओ उमेश सिंह यादव का कहना था कि इस संबंध मे उन्हे कोई जानकारी नही है। पता कराते है। जैसा भी होगा बताएंगे।