धर्म संस्कृति

भारतीय संस्कृति और परम्परागत संगीत पर हावी होता पाश्चात्य संगीत एक चुनौती: शैलेन्द्र अग्रहरि

0 कला और संगीत के क्षेत्र मे उदीयमान कलाकार मण्डल स्तरीय प्रतियोगिता मे करेगे प्रतिभाग
0 18 फरवरी को मंडल के तीनो जनपदो के उभरते कलाकार दिखाएंगे अपनी प्रतिभा
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
                  संगीत व नृत्य के क्षेत्र में प्रदेश के उदीयमान प्रतिभा सम्पन्न अव्यवसायिक बाल, किशोर एंव युवा कलाकारों की खोज के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी ने ‘शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता’ का वार्षिक आयोजन 1975 से प्रारम्भ किया है। इस प्रतिभा-खोज कार्यक्रम को अधिक व्यापक बनाने की दृष्टि से इस बार प्रतियोगिता को दो चरणों में बॉटा गया हैं। पहले चरण में यह प्रतियोगिता प्रदेश के 18 मण्डल मुख्यालयों  में संभागीय स्तर पर तथा दूसरे चरण में यहॉ से विभिन्न-विषयों एंव वर्गो में प्रथम स्थान प्राप्त प्रतियोगियों को प्रादेशिक स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में सम्मिलित किया जा रहा हैं। अकादमी द्वारा प्रवेश में संभागीय आधार पर 18 केन्द्रों पर गायन, वादन एवं नृत्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा। संस्कृति मंत्रालय की इस पहल पर पिछड़े जिलो मे भी छिपी प्रतिभाए निखर कर सामने आ सकेयगी।

             उपरोक्त बातें पत्र मित्रों से पत्रकार वार्ता के दौरान नगर के एक लाज में अकादमी द्वारा नियुक्त संम्भागीय कार्यक्रम  संयोजक शैलेन्द्र अग्रहरी ने कही। श्री अग्रहरी ने बताया कि यह प्रतियोगिता सम्भागीय स्तर पर भिन्न-भिन्न वर्गो में भिन्न-भिन्न विषयों पर मिर्जापुर, सोनभद्र व भदोही जनपदों के लिए आयोजित की गयी हैं। प्रतियोगिता बाल, किशोर एवं युवा वर्ग के लिए गायन में ख्याल-तराना, ध्रुपद-धमार, ठुमरी-दादरा, तन्त्र वाद्य में वीणा, सितार, गिटार, मेण्डोलियन एवं संतूर, गज वाद्य में वायलिन, सारंगी, इसराज एवं दिलरूबा, सुषिर वाद्य में बांसुरी, शंहनाई तथा क्लैरनेट, अवनद्ध वाद्य में तबला,  पखावज, नृत्य में कथक  की प्रतियोगिताए आयोजित की जा रही हैं। जिसका आवेदन पत्र 100/- रूपये शुल्क के साथ भरकर डैफोडिल्स पब्लिक स्कूल मे जमा किया जा सकता हैं। प्रतियोगिता 18 फरवरी 2018 को प्रातः 11.00 बजे से डेफोडिल्स पब्लिक स्कूल, लोहिया तालाब के सभागार में आयोजित की  गई है ।

       आयोेजन की सहयोगी संस्था संस्कार भारती के प्रान्त अध्यक्ष डा0 गणेश प्रसाद अवस्थी ने कहाकि प्रतियोगिता  में शास्त्रीय गायन, वादन एवं नृत्य में केवल उत्तर प्रदेश के निवासी अव्यवसायिक कलाकार ही भाग ले सकते है । आयु के अनुसार प्रतियोगिता के तीन वर्ग होगे । बाल वर्ग, किशोर वर्ग,  युवा वर्ग। बाल वर्ग में 08 से 15 आयु के प्रतिभागी, किशोर वर्ग में 15-22 और युवा वर्ग में 22-30 वर्ष के प्रतिभागी शामिल होगें। बताया कि यह अपने आप में अनोखा आयोजन है, जिससे प्रतिभाओं को निखरने का पूरा अवसर प्राप्त होगा। भारतीय सस्कृति और परम्परागत संगीत पर हावी होता चला जा रहा पाश्चात्य संगीत बढ़ती चुनौती है जिन्हें ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से ही प्रतिस्पर्धा दी जा सकती है। यह संगीत के क्षेत्र मे सबसे बड़ा मंच है ।
                पत्रकार वार्ता के दौरान संस्कार भारती के सचिव विन्ध्यवासीनी प्रसाद केसरवानी, समरसता विचार मंच के संयुक्त सचिव समीर अहमद रिजवी, अशोक तिवारी, रविशंकर उमर आदि उपस्थित रहे ।
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