लंका जली, नवमी मनी, हवन हुआ, अक्षय मरा, मेला लगा
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर (अहरौरा)
अहरौरा बाजार शाम बजे से रात्रि बारह बजे तक मेले के शक्ल में बदल जा रहा है। अहरौरा बाजार के परिधि में चार आदिभवानी मां दुर्गा के पांडाल सजाये गये हैं। सम्मेत्तर से लेकर चौक बाजार का क्षेत्र पांडालों का विस्तार है। नर नारी दस किलोमीटर की परिधि से यहाँ जुट जाते हैं। नवमी के दिन हर पांडालों में दुर्गा शप्तसती का पाठ गूंज रहा था। हवन हो रहा था। भक्ति और आनन्द का सम्मिलित भाव हर चेहरे पर था।
इसी बीच अहरौरा की आर्थिक मंडी गोला सहुवाईन में रामलीला का भव्य आयोजन हो रहा था जहाँ रावण पुत्र अक्षय कुमार का वध, मेधनाथ द्वारा हनुमान जी को ब्रह्मा पाश में बांधना, रावण और हनुमान संवाद के बाद लंका दहन का अलौकिक दृश्य फिल्माया जा रहा था। ध्वनि विस्तारक यंत्रों से हर दृश्य को सजीवता प्रदान करने की कोशिश की जा रही थी।
ऐसे में अहरौरा बाजार में किया जा रहा धार्मिक आयोजन परम्पराओं से सनातनी धार्मिक व्यवस्था से परिचित करती है और रामायण में राम के चरित्र भाव का प्रदर्शन सदमार्ग पर आवाम को चलने को प्रेरित करता है।
अष्टमी के दिन तो जगह जगह फलहारी प्रसादो का वितरण हो रहा था लेकिन नवमी के दिन महिलाओं के हाथों प्लास्टिक की थैली देखकर बड़ा अजीबोगरीब लगा परंतु पांडालों के समीप प्रसाद के रूप में पूड़ी सब्जी वितरित हो रहे थे जिसको महिलाएं इन्हीं प्लास्टिक के थैले में इकट्ठी किये जा रही थी।
भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी पांडालों के व्यवस्थापक अपनी भूमिका को भली भांति निर्वाह कर रहे थे और अराजक तत्वों से निपटने के लिए चौकी प्रभारी कमलेश पाल अपने सहयोगियों के साथ मेले का चक्रमण कर रहे थे।