धर्म संस्कृति

सुन रहा था जमाना बड़े गौर से, हमीं सो गये दास्तां कहते कहते

हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा कांफ्रेंस सम्पन्न
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर (अहरौरा)
इत्तेहाद – ए – मिल्लत कांफ्रेंस के तहत अहरौरा नई बाजार में हिंदू मुस्लिम भाईचारा कांफ्रेंस राजीखुशी फारिग हो गया। इंतजामिया मजलिस के रजाकारों और जिम्मेकारों ने खबातिनों और खबरबीनों के लिए बेहतरीन इंतजाम कर रखे थे।हिंदू और मुस्लिम जमात के हजारों लोग थे। जिरह और बयांनात के दौरान ही बी एच यू के एक मुस्लिम वक्ता ने हिंदूओं के कल्कि अवतार को अल्लाह – ए – रसूल पैगम्बर मोहम्मद साहब को बता डाला। जन्नत और जहन्नुम के मसले से आवाम को कंट्रोल किया जाता है। मीसकिनों पर जकात जायद है क्योंकि खुदा – ए – वसूल यही है। इस्लाम के नाम पर बंदिशों का विरोध हुआ जिसमें खबातिनों को तालीम से दूर करना, पर्दानसीन के नाम पर अत्याचार करना था। इस्लाम का मतलब सिल्म़ अरबी भाषा में समझौता करना है मगर बदला लेना नहीं है।
ऐसे में इस कांफ्रेंस के माध्यम से हिन्दू मुस्लिम भाई चारा और समाज को ज्ञान और मानवता का पाठ पढ़ाना रहा। वास्तव में हर चीज़ का एक मतलब है गर वह उस मतलब को पूरा नहीं करता है तो वह व्यर्थ है। इस कांफ्रेंस में मु हदीस, नेहालूद्दीन, पंकज उपाध्याय, चौकी प्रभारी कमलेश पाल सहित हजारों लोग थे।

Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!