ब्यूरो रिपोर्ट, अहरौरा (मीरजापुर)।
अहरौरा नगर पालिका अध्यक्ष गुलाब दास मौर्य आज सैकड़ों शौचालय लाभार्थी महिलाओं व पच्चीसों वार्ड सदस्यों संग नगर पालिका परिषद में धरने पर बैठ गए। मामला अतिगंभीर था।खुले मंच द्वारा खुली भीड़ में शौचालय वितरण और धन आवंटन में हुई नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा लापरवाहियों का एक पन्ना खुलने लगा। आठ महीने पहली किस्त का पैसा चार हजार रुपये मिलने के बाद भुगतान न पाने वाले लाभार्थी महिलाएं आरोप लगाने लगी कि उनसे धन आवंटन के एवज में एक हजार रुपये की मांग की गई थी और कुछ ने सार्वजनिक रूप से नाम लेकर आरोप भी लगाये।
चेयरमैन गुलाब मौर्या ने आरोप लगाया कि ईओ ने नगर और मुझे अंधेरे में रखकर बकाये ठीकेदारों की धनराशि अवमुक्त कर दी जबकि प्रकाश व्यवस्था के लिए धनराशि नहीं होने की बात कही। इसके साथ ही साथ सभासदों के वार्डो में जरूरी प्रकाश व्यवस्था की सामग्रियां उपलब्ध नहीं करायी। शौचालय आवटंन में बहुत बड़ी धनराशि का ई ओ अहरौरा विनय तिवारी पर आरोप लगाया। चेयरमैन को अन्धेरे में रखकर बकाये धनराशि का भुगतान कराने वाले ठीकेदारों को ब्लैक लिस्टेड करने की बात कही। चेयरमैन ने एक बार फिर से ई ओ अहरौरा पर आरोप लगाना शुरू कर दिया कि धन था तो पहले जनता के शौचालय की धनराशि क्यों नहीं दी गई? शौचालय लाभार्थियों के घूस के रूप में लिये गये धनराशि का हिसाब कैसे होगा? आठ महीने पहले बालू का रेट आज के रेट से आधा है लेकिन शौचालय के लिए आवंटित धनराशि वहीं रहेगी। ई ओ के इस लापरवाही के कारण आज शौचालय बनाना संभव नहीं है क्योंकि वर्तमान लागत मूल्य बढ़ गयी है। ऐसे में इस लापरवाही का जिम्मेदार सीधे सीधे ई ओ है। वर्तमान शौचालय लागत मूल्य और पुराने लागत मूल्य के अन्तर का भुगतान कौन करेगा? कई पुरानी फाइलें नई रूप रेखा में देखकर चेयरमैन चौक गये और उस विस्तृत रिपोर्ट मांगी। एक बार तो सीधे सीधे ई ओ पर धनलेने का आरोप तक ठोक दिया जिसका ई ओ बार बार खंडन करते रहे। चेयरमैन ने खुले मन से यह भी स्वीकार किया कि अगर ई ओ अपने कर्तव्यों से लापरवाही न की होती तो यहां भाजपा की चेयरमैनी होती। सैकड़ों महिलाओं और वार्ड सदस्यों के साथ जमीन पर ही चेयरमैन बैठ हुए और ई ओ की जांच की मांग कर रहे थे जबकि ई ओ अहरौरा कुर्सी पर बैठे हुए थे। ई ओ की घेराबंदी करके एस डी एम के आने तक धरने पर बैठे रहेगे। मांग की जा रही है कि दो दिन के अंदर शौचालय की धनराशि वितरित की जाय। इस बीच कोटेदारों के खाद्यान्न वितरण में अनियमितता, कार्ड बनवाने के नाम पर पैसे की मांग और आवास वितरण योजना में एक लंबी धनराशि की मांग नगर पालिका के तथाकथित दलालों के नाम बार बार सामने आ रहे थे। नगर पालिका परिषद् में नायक फिल्म के अनिल कपूर मानिन्द चेयरमैन गुलाब मौर्या थे जो जनता की हितों की रक्षा के लिए जमींन पर बैठे रहे। समाचार लिखे जाने तक एस डी एम नहीं आये थे और अब देखना है कि आगे होता क्या है। लेकिन इतना जरूर है कि इस नये रूप में चेयरमैन को पाकर जनता खुश हैं, वहीं लालची किस्म के नगर पालिका कर्मचारियों की घिग्गी बंधी है। ठीकेदारी प्रथा द्वारा सफाई कर्मचारियों की भर्ती होती थी और ठीकेदार अपने समझौते अनुसार भुगतान करते थे। इस विषय पर चेयरमैन प्रश्न खड़ा कर दिया कि इन सफाई कर्मचारियों का सरकारी मानक के अनुसार भुगतान क्यों नहीं अब तक हुआ? विरोध स्वरूप सफाई कर्मचारी धरना प्रदर्शन क्यों किये थे? इस प्रकरण में भी ई ओ की भूमिका संदिग्ध है। पत्रकार वार्ता में चेयरमैन गुलाब मौर्या ने बताया कि जब तक इन मांगों पर सक्षम अधिकारी कोई निर्णय पूर्ण आश्वासन नहीं दे देते हैं तब तक मैं, सभासदों तथा अहरौरा की जनता के साथ धरने पर बैठे रहेंगे।