सुदामा जैसा चरित्रवान मित्र जगत में नहीं- स्वामी जगदीशानन्द
0 महुआरी में आठ दिवसीय श्री मद्भागवत महापुराण सभा का हुआ समापन
रिपोर्ट, मिर्ज़ापुर।
विन्ध्य क्षेत्र के ग्राम महुआरी में आठ दिवसीय श्री मद्भागवत कथा श्रवण के दौरान तीर्थ राज प्रयाग से पधारे प्रसिद्व कथा वाचक राष्ट्रीय संत स्वामी जगदीशानन्द महाराज ने श्री कृष्ण और सुदामा के जीवन चरित्र पर बोलते हुए कहां कि सुदामा जैसा चरित्रवान मित्र संसार में कोई नहीं है। जिस तरह से कृष्ण ने अपने बचपन के मित्र सुदामा के प्रति अपनी मित्रता और श्रद्धा का भाव अवतरित किया वैसा संसार में कहीं नहीं दिखने व सुनने को मिलेगा। उन्होंने भक्तों को उपदेशित करते हुए कहा कि सुदामा और कृष्ण की मित्रता अनूठी रही है। जिसका अनुश्रवण प्रत्येक प्राणी को करना चाहिए। कृष्ण के अपने बचपन के मित्र को जो सम्मान दिया वह आज भी मिशाल के तौर पर जाना जाता है। कालान्तर में भी ऐसा ही मित्रवत् भाव होना चाहिए ताकि आज भी कृष्ण और सुदामा के मित्रवत संबंधों को चरित्रार्थ किया जा सके। उन्होंने कृष्ण लीलाओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए श्रोताओं को कृष्ण की लीलाआंे से सीख लेने की बात कहीं। कहा भगवान कृष्ण की लीला न्यारी रही है। जो अन्र्तमन से सबकुछ देख लेते थे। श्री मद्भागवत पुराण कथा के समापन अवसर पर उन्होंने भक्तों को उपदेशित करते हुए सत्मार्गो पर चलने और कृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। कथा प्रवचन के दौरान बड़ी संख्या में भक्तों भीड़ भाग लगी रही है। इसके पश्चात भक्तों को भण्डारे का प्रसाद वितरित किया गया जिसे हजारों की संख्या में लोगों ने ग्रहण किया। कथा के प्रबंधक मुख्तार दूबे कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी अश्वनी कुमार दूबे आदि निभा रहे थे अंत में आयोजक शिव आसरे तिवारी तथा संस्था अध्यक्ष हरिशंकर दूबे ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।