पडताल

आशनाई, दोस्ती और हत्या का संगम रहा सीमा भारद्वाज हत्याकांड

ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर(अहरौरा)।
         अहरौरा थाना अंतर्गत चार जनवरी को एक महिला की अज्ञात लाश जरगो जलाशय में देखा गया था। ग्रामीणों की सूचना पर थाना प्रभारी अहरौरा वैभव सिंह, एस एस आई केदार कुशवाहा,एस आई सतीश कुमार सिंह अपने हमराहियों संग घटनास्थल पर पहुंचे और मृतका के पार्थिव शरीर को जलाशय से बाहर निकाला गया।शव पहचान में न आने पाये इसलिए उसके चेहरे को बेरहमी से पेंचकस से गोदा गया था।शव को कब्जे में ले कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। शिनाख्त के लिए प्रयास किया जाने लगा। महिला की शिनाख्त सीमा भारद्वाज पत्नी कमलेश निवासी ग्राम परमानन्द पुर थाना शिवपुर वाराणसी के रूप में हुई। मृतिका का मायका पाण्डेय पुर वाराणसी था। शादी के बाद कमलेश भारद्वाज पिता भी बना लेकिन मृतका के चरित्र पर शक बना रहा क्योंकि कई जगहों पर अपनी पत्नी की उपस्थिति नागवार गुजर रही थी और कमलेश अपनी स्थिति को पारिवारिक लोकलाज में स्पष्ट न कर पा रहा था। कमलेश कोई भी नशा नहीं करता था लेकिन पत्नी पर बनी शक के कारण वह शराब पीने लगा और अपने आप को शारीरिक और मानसिक पतन के गर्त में गिराता चला जा रहा था। ऐसे में कमलेश का बचपन का मित्र अरविंद सिंह को लगा कि मेरा मित्र जो कभी शराब को हाथ नहीं लगाता था और दूसरों को भी मना करता था आखिरकार ऐसा क्या हुआ जो इसका व्यवहार परिवर्तित होता जा रहा है। अरविंद को सारी जानकारी कमलेश को देकर अपना दर्द बताया परंतु बचपन के मित्र की एक एक बात पर वह विश्वास साथ बिताये अट्ठारह साल की दोस्ती के कारण करता चला गया। एक तरफ दोस्त कमलेश की जिन्दगी थी और दूसरी ओर सीमा भारद्वाज के आशनाई का शक पर मुहर लगती जा रही थी। फिर मृतका के पति कमलेश ने अपने दोस्त कमलेश के साथ एक प्लान बनाया कि अगर सीमा को रास्ते से हटा दिया जाय और प्लान का खुलासा न हो तो सामाजिक मान मर्यादा और कमलेश की घूट घूटकर मरने की संभावना खत्म हो जायेगी। प्लानिंग में तय हुआ कि मायके पाण्डेय पुर से सीमा को मोबाइल से बुलाया जायेगा फिर गुमसुदगी करार कर दी जायेगी। कमलेश ने सीमा को बुलाया और प्लानिंग के अनुसार जरगो बांध पर अरबिंद संग आये। यही पर पहले से मौजूद महेन्द्र यादव पुत्र लाल बहादुर निवासी एन 4/15 करौंदी थाना लंका मित्र अरविंद और सुनील यादव पुत्र रामू यादव निवासी सिकन्दर पुर थाना चिरैयाकोट जनपद मऊ मित्र सुनील यादव पहले से ही अपने आटोरिक्शा नंबर यू पी 65 ए टी 5672 के साथ वहाँ मौजूद थे। इन दोनों को बीस हजार एडवांस और तीस हजार काम होने के बाद मिलना तय था। अब वहाँ पिकनिक स्पॉट पर शाम होने लगी तो नंगा विद्युत तार से सीम भारद्वाज का गला कसा जाने लगा। कुछ ही देर में उसके प्राण पखेरू हो गये। फिर पेंचकस से उसके चेहरे को खराब करने की कवायद शुरू हुई। लाश को वहीं जरगो जलाशय में फेंक दिया। पहनावा के आधार पर मृतका के मायका पक्ष के परिजनों उसकी पहचान की क्योंकि तलाशरत मृतका के पिता को समाचार पत्रों द्वारा एक अज्ञात शव की सूचना मिली थी। मृतका के पिता ने अपने दामाद के उपर नामजद तहरीर दी क्योंकि पति पत्नी के साथ संबंधों में खटास की जानकारी इन्हें भी थी। इस संबंध में सात जनवरी को मुकदमा अहरौरा थाने में पंजीकृत हुआ था। मृतका मोबाइल तो पुलिस बरामद तो नहीं कर सकी परंतु उस आये फोन के डिटेल की जानकारी हो गयी थी।मुखबिर की सूचना पर अहरौरा पुलिस ने नव जनवरी को कत्ल के आरोपी कमलेश भारद्वाज और अरविंद तक पहुंच गई और उनके बयान के आधार पर घटना की पर्त दर पर्त खोलती चली गयी।
अरविंद और कमलेश को मृतका के पर्स, घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल यूपी 65 ए एन 5764 व घटना में प्रयुक्त कमलेश का मोबाइल के साथ मुकदमा अपराध संख्या 05/18 भादसं 302 व 201 में अभियोग पंजीकृत करके जेल भेज दिया। जबकि आज सुनील व महेन्द्र यादव जो पेशे से आटो मिस्त्री व चालक हैं को घटना में प्रयुक्त टैम्पो यूपी 65 एटी 5672, विद्युत तार और पेंचकस के साथ गिरफ्तार किया गया है जिनको संबन्धित धारा 302 व 201 में निरूद्घ करके जेल भेज दिया गया है। कमलेश और अरविंद को गिरफ्तार करने वाली टीम में थाना प्रभारी वैभव सिंह,एस एस केदारनाथ कुशवाहा,एस आई सतीश कुमार सिंह, कां रत्नेश सिंह, कां रत्नेश सिंह थे जबकि महेन्द्र यादव व सुनील यादव को गिरफ्तारी टीम में इमिलियाचट्टी प्रभारी अजय कुमार श्रीवास्तव, कॉन्स्टेबल रत्नेश, लालजी, अख्तर फिरोज थानाध्यक्ष अहरौरा के साथ थे।
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