ऐसा भी होता है – कम से कम आज तो अकल्पनीय है
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर(अहरौरा)।
पूरे उत्तर प्रदेश में आजकल नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिका के सदस्यों और अध्यक्षों के पर्चे भरे जा रहे हैं। लोग माला पहनकर अपने बुजुर्गों से आशीर्वाद लेकर पर्चा भरने के लिए चुनाव अधिकारी के पास जा रहे हैं। प्रत्याशियों के दरवाजे पर बैंड बाजे बजाये जा रहे हैं। लोगों का हुजूम दरवाजे पर लग रहे हैं। जिन्दाबाद के नारों के साथ प्रत्याशी झमाझम घूम रहे हैं लेकिन एक प्रत्याशी के दरवाजे पर बाजा बजाया जा रहा था, लोगों की हुजूम भी थी और राम नाम सत्य की उद्घोष भी हो रहा था, लेकिन प्रत्याशी सब कुछ छोड़कर चुनाव का पर्चा भरने के लिए अपने घर से बीस किलोमीटर दूर चुनार चला गया। घटना अहरौरा थाना एक मुहल्ले की है जहाँ के सदस्य पद के एक उम्मीदवार की मां का गुरुवार को सुबह देहांत हो गया। प्रत्याशी घर के आंगन में अपनी मां का शव को परिजनों के सहारे छोड़कर पर्चा दाखिल करने के लिए मृतक मां के पैरों को छूकर आशीर्वाद लिया फिर चुनार चले गए और वापस आकर उनके पार्थिव शरीर को मां गंगा की आंचल में समाहित करने के लिए वाराणसी मणिकर्णिका ले गये। जनता की सेवा के लिए राजनीति में इस प्रकार के कदम उठाने से आम जनमानस अवाक है और इनके जज्बे को सराह रही है। लोग विचार कर रहे हैं कि लाखों की दौलत का वारिस उक्त प्रत्याशी जैसा जूनून कभी राजनीतिक इतिहास में कही देखने सुनने को मिलता है।