0 सरकार और व्यापार एक सिक्के के दो पहलू: अनूप शुक्ला
0 8 अप्रैल को कानपुर के मोतीझील मैदान में होगा आयोजन
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
सरकार और व्यापार एक सिक्के के दो पहलू हैं। सरकार को व्यापारियों के दुख दर्द को समझने का और उसे दूर करने का प्रयास करना होगा। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो निश्चित रुप से सरकार व्यापारियों के हित में काम नहीं कर रही है। जिस देश का व्यापारी खुशहाल नही होगा उस देश और प्रदेश का विकास कतई संभव नहीं है। यह बातें शनिवार को नगर के शिवाला महंथ स्थित फन सिटी के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान प्रतिनिधि उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अनूप शुक्ला ने पत्रकार वार्ता के दौरान व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि तमाम व्यापारी नेता जो सरकार में शामिल है और व्यापारी हितैषी बनने का दावा करते है, आज वह भी व्यापारियों की पीड़ा को नहीं समझ रहे है। उनसे हमारा कहना है कि सम्मेलन आदि कराकर व्यापारियों को दिग्भ्रमित करने का कार्य न करें, बल्कि सरकार के साथ मिलकर ईवे बिल को समाप्त कराये अथवा इसे और लचीला बनाने के साथ ही व्यापारी हितों में लगने का भी काम करें। कहाकि हमे यह कहने मे कोई गुरेज नही कि कोई भी सरकार रही हो व्यापारियों को बिना संघर्ष किए उनके हक हकूक और बेहतर व्यापार के लिए सरकार ने कभी नहीं सोचा। जब-जब व्यापारियों ने संघर्ष किया है उनके संघर्ष के सामने सरकार को झुकना पड़ा है और जायज मागो को पूरा करना ही पडा है। जीएसटी में 28% आया, लेकिन संघर्ष का नतीजा रहा कि बाद में 28 परसेंट से घटाकर 18% से नीचे लाया गया।
बताया कि प्रदेश के व्यापारियों की तमाम माग और मुद्दों को लेकर प्रतिनिधि उद्योग व्यापार मंडल उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने के लिए व्यापारी अधिकार रैली का आयोजन 8 अप्रैल को कानपुर के मोतीझील मैदान में आयोजित करने जा रहा है। इस रैली में उत्तर प्रदेश के 20000 से अधिक व्यापारियों और उद्यमियों के आने की तैयारियां अंतिम रूप में है। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि यह इ वे बिल की सीमा 50000 से बढ़ाकर ₹200000 किया जाए ताकि व्यापारियों का उत्पीड़न बंद हो। व्यापारी आयोग का गठन किया जाए। उन्होंने याद दिलाया कि उत्तर प्रदेश सरकार बोलने से पूर्व एक केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि व्यापारी आयोग का गठन सरकार बनते ही किया जाएगा लेकिन शायद सरकार अपने वादों को भूल गई। तभी तो आज तक न तो व्यापारी आयोग का गठन हुआ। यही नहीं जनपदों और मंदिरों में उद्योग बंधु व्यापार बंदूक का गठन बंधु व्यापार बंधु तक नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि जब जीएसटी बना तो एक देश एक टैक्स होना चाहिए लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार का मंडी शुल्क आज भी 2.5 प्रतिशत लिया जा रहा है। इसे वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में व्यापारी सिक्कों से त्रस्त है। नोटबंदी के बाद बैंकों में भारी मात्रा में सिक्के बाजार में उतारे लेकिन आज वही बैंक सिक्को को को लेने से इनकार कर रहे हैं, जिससे व्यापारियों को दिक्कत हो रही है। इसका निराकरण किया जाना चाहिए। यही नहीं उन्होंने मांग रखा कि जीएसटी में पेट्रोल और डीजल को भी शामिल किया जाना चाहिए। श्री शुक्ला ने कहा कि हमारे देश के पीएम मोदी जी ने कहा था कि चाय पकौड़ा वालों का भी एक रोजगार है। इसलिए सरकार से मांग करता हूं कि संसद में बिल लाया जाए और इन लोगों को स्थाई जगह देकर उनसे उसका किश्त लिया जाय। ताकि सरकार को रेवेन्यू मिलने के साथ ही अतिक्रमण अभियान के नाम पर उनका शोषण ना हो और खोमचा ठेले वाले भी खुशहाल जिंदगी जी सकें।
उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष प्रवी कुमार ने कहा कि सरकार की अगर ऐसी ही व्यवस्था रही तो वह दिन दूर नहीं जब व्यापारी आत्महत्या करने को मजबूर होंगे उन्होंने बताया कि मिर्जापुर से सैकड़ों कार्यकर्ता व्यापारी अधिकार रैली मे शामिल होने के लिए कानपुर रवाना होंगे। संगठन ने व्यापारी अधिकार रैली के माध्यम से रखा है कि मंडी शुल्क की समाप्ति की जाए, जीएसटी को केवल दो टैक्स में रखा जाए, जीएसटी में फार्मो की जटिलताओं को दूर किया जाए, ब्रांडेड दलों को टैक्स फ्री किया जाए, व्यापारियों व्यापारियों से संबंधित सरकारी समितियों के गठन किए जाएं, पेट्रोल डीजल के मूल्य को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, इ वे बिल की सीमा को दो लाख किया जाए, व्यापारियों को राजनीति में हिस्सेदारी मिले, हस्तनिर्मित पीतल के बर्तन को लघु उद्योग का दर्जा मिले, मिर्जापुर को उद्योग शून्य घोषित किया जाय, मिर्जापुर में पर्यटन को बढ़ावा दिए जाय, व्यापारी बीमा राशि को बीमा राशि को को दोगुना किए जाय, साथ ही व्यापारियों के लिए भी पेंशन की व्यवस्था की जाय आदि माग अधिकार रैली मे उठाई जाएगी।
पत्रकार वार्ता के दौरान प्रमुख रुप से पूर्वांचल प्रभारी हरिओम सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री रुपेश वर्मा, नगर अध्यक्ष प्रसून अग्रहरि, जिला महासचिव रूपनारायण अग्रहरि, नगर महासचिव रतन अग्रहरि, जिला कोषाध्यक्ष अभिषेक अग्रहरि, जिला उपाध्यक्ष अंकुर वर्मा, रुपेश वर्मा रोहित त्रिपाठी, पंकज कसेरा, गणेश ऊमर, आशुतोष सिंह दिलीप सिंह गहरवार, रोहित कसेरा, अनुपम सिंह, प्रिंस गुप्ता आदि मौजूद रहे।