एजुकेशन

गांव नहीं प्रतिभाओं की मोहताज, परमीत कौर गोल्ड मेडल के लिए चयनित

 

ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर (अहरौरा)।
    इसमें कोई शक नहीं है कि सन् 1996 में जबसे वनस्थली महा विद्यालय की नींव रखी गई थी तभी से अहरौरा और आसपास के गांवों के प्रतिभाओं को ऊंची उड़ान मिली। शिक्षा का स्तर एक के बाद एक कई उंचाईयों को छूआ। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी से सम्बद्ध होकर सैकड़ों सरकारी और मैनेजमेंट डिग्री कालेज चल रहे हैं।

एक से बढ़कर एक तालीम के साधन मुहैया कराये हैं लेकिन प्रवक्ता राधव सिंह द्वारा मुहैया जानकारी को मानें तो वनस्थली महा विद्यालय की एम ए समाज शास्त्र की छात्रा परमीत कौर का चयन गोल्ड मेडल के लिए हुआ जिससे यह सिद्ध होता है कि गांवों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। जहां महाविद्यालय परिवार छात्रा को बधाईयां दे रहा है वहीं छात्रा के परिवार के साथ साथ अहरौरा बाजार हर्ष और गर्व से प्रफुल्लित है।
    
ऐसे शिक्षार्थी के होने से महाविद्यालय जहाँ गौरवान्वित महसूस करता है और वहीं आगे की जिम्मेदारी का बोझ भी उसपर बढ़ा है क्योंकि ऐसी प्रतिभाओं की निगरानी भी जरूरी है।

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