0 वित्त मंत्री अरूण जेटली को संबोधित ग्यान सौप रखा अपनी माग
0 अधिकारियो द्वारा व्यापारियो के शोषण-दोहन पर लगे रोक: शत्रुघ्न केशरी
0 टैक्स की दर अधिकतम दो स्लैब और 18 प्रतिशत के साथ ही रिटर्न भरने की मिले छूट
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के बैनर तले नगर समेत जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्र से पहुचे सैकड़ो व्यापेरियो ने गुरूवार को नगर के तेलियागंज स्थित जीएसटी( सेल टैक्स) कार्यालय के बाहर जबरदस्त धरना प्रदर्शन कर जीएसटी की विसंगतियो को दूर करने के साथ ही इसे लचीला बनाते हुए अपनी विभिन्न मांगो से संबंधित ग्यान संबंधित अधिकारी को सौंपकर शोषण दोहन पर रोक लगाने की मांग की। संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं नगर अध्यक्ष शत्रुघ्न केशरी ने धरने मे उपस्थित व्यापेरियो को संबोधित करते हुए कहाकि जीएसटी देश की व्यवस्था सुधारने मे अहम भूमिका निभा रही है और इस का व्यापारी वर्ग पूरी तरह से स्वागत करता रहा है। लेकिन इसकी विसंगतियो की वजह से व्यापारियो को भारी मुसीबत का नाम सिर्फ सामना करना पड़ रहा है बल्कि यह अधिकारियो द्वारा व्यापारियो के शोषण और दोहन का अप्रत्यक्ष रास्ता बन गया है। ऐसे शोषण और दोहन को संगठन बर्दाश्त नही करेगा।धरना स्थल पर पहुंचे अधिकारी को जीएसटी की विसंगतियो को दूर करने और व्यापारियो की समस्याओ से सरकार को अवगत कराने के लिए सेल टैक्स विभाग के उच्चाधिकारीयो को वित्त मंत्री अरूण जेटली को संबोधित मांग पत्र सौपा।
श्री केशरी ने कहाकि जी0एस0टी पोर्टल सात महिनों में भी सुचारू रूप से काम नहीं कर रहा हैं। जुलाई 2017 माह के जी0एस0टी0, आर -2 तथा जी0एस0टी0 आर-3 रिटर्न आज तक जमा नहीं हो पाए हैं। सरकार के हडबड़ी में लागू किये गये जी0एस0टी0 की तैयारी आधी अधूरी दिख रहीं हैं। पोर्टल की जानकारी व पोर्टल चलने की दक्षता व तकनीक बहुत कमजोर हैं जिससे व्यापारी इ-वे बिल निकलने की समस्या से लगातार दो चार हो रहा हैं। सरकार और जी0एस0टी अधिकारी कुम्भकरणी नींद में सो रहे हैं। व्यापारी हलकान व परेशान हैं करों के बोझ और मार के तले दबा हैं। आने वाले दिनों में यदि विसंगतियां दूर नहीं की गयी तो व्यापारी सड़क पर उतरने को बाध्य होगा। जिसकी क्रमवार रूपरेखा व्यापार मण्डल ने तय कर ली हैं। कहा कि इ-वे बिल एंव जी0एस0टी0एन0 फाइल अपलोड करने में आ रहीं कमजोर सर्वर पोर्टल व तकनीक से व्यापारी दिक्कतों में है। विश्व भर में जिन देशों की आबादी हमारी अपेक्षा बहुत कम हैं और तकनीक अपेक्षाकृत बहुत आगे हैं वहीं जी0एस0टी0 सफल कहीं जा सकती है जबकि भारत में सवा सौ करोड़ की आबादी में पच्चीस करोड़ से ज्यादा व्यापारी रजिस्टर्ड हैं और उन्हे उपलब्ध करायी जा रही तकनीक बहुत ही कमजोर हैं। तकनीक को बिना आधुनिक किये नवीन व्यवस्था व्यापारियों पर थोप दिया गया हैं। ऐसी विसंगतियो को शीघ्र दूर किया जाना आवश्यक है। व्यापार मण्डल के जिला अध्यक्ष संजय सिंह गहरवार ने अपने संबोधन मे कहाकि जीएसटी आर-3 बी का भार व्यापारियों पर अनावश्यक डाला गया हैं। जीएसटी आर-1, जीएसटी आर-2 व जीएसटी आर-3 भी भरने आवश्यक हैं। जी0एस0टी0 में एक रिटर्न मासिक या त्रैमासिक भरने की अनिवार्यता रखी जाए, जिससे जीएसटी पोर्टल सुचारू रूप से कार्य कर सके। व्यापार को आसानी होगी तथा सरकार को मिलने वाले राजस्व में इजाफा होगा। व्यापार मंडल को जानकारी दिये बगैर किसी भी जिले में किसी भी प्रतिष्ठान की जांच न की जाये। आरोप लगाया कि सर्वे क्षापे अनावश्यक भ्रष्टाचार को जन्म दे रहें हैं इन पर तत्काल नियंत्रण लगाया जाना चाहिए। हम सर्वे छापा की वैधानिक प्रकिया के खिलाफ नहीं है परन्तु भ्रष्टाचार करने की नियत से किये जाने वाले सर्वे छापा के खिलाफ हैं। जी0एस0टी0 विभाग द्वारा नये-नये तौर तरीको से व्यापारियों का उत्पीड़न और शोषण हो रहा हैं। हम आंदोलन को सतत जारी रखगें जब तक हमारी मांगे पूरी नही हो जाती। धरने की अध्यक्षता वरिष्ठ व्यापारी नेता पूनम चन्द्र जैन ने की और मांग पत्र अधिकारियो को धरना स्थल पर सौपां। इस दौरान जिला महांमत्री रामबाबू कसेरा, जी0एस0टी0 बार कौसिल के अध्यक्ष धमेन्द्र साध, नगर महामंत्री अनिल अग्रवाल, सर्राफा व्यवसायी शिव मुन्दड़ा, होटल व्यवसायी अफाक अहमद, कपड़ा व्यापारी मनोज जैन, स्टेशनरी व्यापारी जनार्दन रस्तोगी, दीपक कुमार, आलोक कुमार, अजित साहू, सुनिल जायसवाल, सन्तोष उमर, शारदा प्रसाद, भोलानाथ चौरसिया, अली मोहम्मद, विजय गुप्ता, कामद नाथ कसेरा, बब्लू मिश्रा, संजय गुप्ता, गौरव खेमका, अखिलेश केसरी, आयुष सिंह, अहमद अली, मदन अग्रवाल, संजय कपूर, चन्द्र शेखर मैनी, देवेन्द्र प्रताप सिंह, गुलाम हुसैन आदि सहित उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिला एवं नगर पदाधिकारियो के साथ तमाम व्यापारी मौजूद रहे।