क्राइम कोना

तहसीलदार और थानेदार की भूमिका संदिग्ध, दोषी अधिकारियो और विपक्षियो के खिलाफ कार्रवाई की बच्चो सहित पहुचे परिवार ने की डीएम से मांग

0 नन्हे-मुन्ने बच्चो और महिलाओ सहित पीडित परिवार पहुचा कलेक्ट्रेट 
0  पुरूषो को थाने भेजकर रिहायशी मकान गिराने और बाउंड्री बनवाने का लगाया आरोप 
0 न्याय न मिला तो बीबी बच्चो सहित आमरण अनशन करेगा परिवार 

ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।

जिले के मडिहान थाना क्षेत्र के पचोखरा गांव का एक परिवार नन्हे-मुन्ने बच्चो और परिवार की महिला सदस्यो सहित शुक्रवार को कलेक्टोरेट पहुचा और जिलाधिकारी से मिलकर शिकायती पत्र सौंपकर एक मडिहान तहसीलदार व थाने की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। जिलाधिकारी को सौंपे गये पत्रक मे आरोप है कि घर के पुरूष सदस्यो की पिटाई कर उन्हे जेल भेजकर उनके रिहायशी मकान को जमींदोज कर बाउंड्री बनवा दिया गया। मडिहान थाना क्षेत्र के पचोखरा गांव निवासी अमरजीत पुत्र रामचरन गुप्ता ने डीएम को सौंपे गये पत्रक मे आरोपित किया है कि जिले के एक सफेदपोश जनप्रतिनिधि के सह पर 13 नवंबर को मडिहान तहसीलदार और थाना पुलिस पीडि़त के घर गये और इनके सामने ही कब्जे की नियत से वहा पहुचे गांव के ही राजकुमार पुत्र रामलखन और राजकुमार के पुत्रो संजीत, प्रदीप, इंद्रजीत, प्रकाश, सत्यदेव तथा लेबर वह दर्जनभर अग्यात व्यक्ति पीडित का खपरैल का घर गिराने लगे और पुलिस पीडि़त अमरजीत, पिता रामचरन और अमरजीत के भाई को थाने उठा लाई। आरोप है कि इसके बाद अमरजीत की पत्नी सुमन गुप्ता, भाभी चंद्रा व लक्ष्मी को उपरोक्त विपक्षी मारने पीटने लगे और पीडि़त का आशियाना जमींदोज कर चहारदीवारी बना दिये। डीएम को दिये गये पत्रक मे पीडि़त ने बताया है कि जब अमरजीत की पत्नी सुमन मडिहान थाने पर रिपोर्ट लिखाने गई तो उसकी रिपोर्ट लिखने की बजाय वहा के एसओ केके सिंह वर्मा पुलिसकर्मीयो ने भद्दी गालिया देकर भगा दिया और धमकाया कि ऐसी मार मारेंगे कि नानी याद आ जाएगी और दवा भी नही कराने देगे। पीडि़त अमरजीत ने बताया कि इसके बाद उस दिन उसे देर शाम जेल भेज दिया गया। इधर इनके लोगो के जेल जाने के बाद राजकुमार, प्रदीप, संजीत, सत्यदेव, प्रकाश पटेल, धनेश्वर, मोहन, जितेंद्र, धनराज व दर्जन डर अग्यात आदमी घर पर पथराव किये और फिर घर की औरतो को मारने पीटने लगे। बताया कि 100 नंबर पर फोन करने पर कोई नही आया तो 109 पर फोन किया गया। लगभग पैंतालीस मिनट बाद पुलिस भी आई तो घायल महिलाओ को थाने छोडकर चली गई लेकिन इनका दवा भी नही कराया गया। पुलिस की हैवानियत तो देखिये कि जब घायल लोग सरकारी अस्पताल मे इलाज के लिए अपने से गये तो वहा भी पहुचे और गालियो से नवाजा। 
       डीएम से मिले पिडित परिवार ने कहा कि सफेदपोश जनप्रतिनिधि के दबाव मे अवैध कब्जा कराने का टेंडर ले चुकी पुलिस और प्रशासन के इस हैवानियत भरी दास्तान से परिजन व महिलाये डरी और सहमी हुई है। पूरा परिवार भयभीत है। ऊपर से विपक्षी जाने से मारने की धमकी भी दे रहे है। 
       पीडि़त परिवार ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि घटना की जांच कराकर दोषी पुलिस और तहसीलदार समेत आरोपी विपक्षीयो के खिलाफ कार्रवाई की जाय। परिजन ने चेताया है कि यदि उन्हे न्याय नही मिला तो बीबी बच्चो सहित कलेक्टोरेट पर ही आमरण अनशन करेंगे। 

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