ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मंगलवार को विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासिनी के धाम में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन करके खुद को कृतार्थ किया। भक्तो ने माना के दर्शन कुष्मांडा स्वरूप मे किये। मां के जयकारों से पूरा दिन पूरा क्षेत्र उद्घोषित होता रहा। नवरात्रि के तीसरे दिन
3:00 बजे भोर से ही मां विंध्यवासिनी के दोनों प्रवेश द्वार एवं झांकी दर्शन प्राप्त करने के लिए हजारों भक्तों की कतार विन्ध्याचल के सातो प्रमुख गलियों में लग गई थी। जैसे ही मंगला आरती के लिए मां के पट खुले मां के जयकारों से मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा। प्रधान सिगारिया द्वारा आरती पूजन के उपरांत जैसे ही मंगला आरती शुरू हुई लोगों ने एक टक हो कर मां के मंगला आरती का दीदार किया। इसके बाद घंटे घंडियाल की गूज शुरू हो गई। बोल सांचे दरबार की जय, जय मां विंध्यवासिनी आदि के उद्घोष के साथ लोगों ने दर्शन पूजा किया। मंगला आरती के उपरांत भक्तों की भारी भीड़ दर्शन पूजन के लिए क्रमशः आगे बढ़ने लगी आओ और दर्शन पूजन का सिलसिला मध्यान आरती के पूर्व तक लगातार जारी रहा। मध्यान आरती के समय भी सभी प्रवेश द्वार एवं झांकी पर हजारो भक्त की लाईन लगी रही। मध्यान आरती के बाद फिर से भक्तो का हुजूम दर्शन पूजन के लिए उमड़ पडा। देर शाम तक लगभग 200000 से अधिक भक्तों ने मां का दर्शन पूजन कर खुद को कृतार्थ किया। सायं आरती के समय भी भारी भीड आरती देखने के लिए जुटी रही। लोग मा के जयकारे और देवी गीतो पर झूमते नजर आये। इसके साथ ही अष्टभुजा एवं कालीखोह आदि मंदिरों में भारी संख्या में भक्तों ने पहुंचकर मत्था टेका और मन्नतें मांगी। मा विन्ध्यवासिनी का दर्शन करने के बाद आने वाले भक्तो का जत्था मामले का जयकारा लगाते त्रिकोण मार्ग से त्रिकोण के लिए आगे बढ़ाने रहा था। त्रिकोण मार्ग पर कई स्थान पर सडक गडबड होने के कारण पैदल यात्रीयो को आवागमन मे गिट्टी चुभ रही थी।
मां का जयकारा लगाते हुए आदमी कब पहाड़ के ऊपर पहुंच जाता है पता ही नहीं चलता
मां विध्यवासिनी का दर्शन करें और विंध्य पर्वत चढ़कर त्रिकोण न हो, यह संभव ही नहीं। मंगलवार को हजारों श्रद्धालु पहाड़ों को काट कर बनाई गई पत्थर की सीढि़यां चढ़कर अष्टभुजा मंदिर की ओर जाते दिखाई दिए। बहुत से लोग अष्टभुजा की ओर से दर्शन कर भी आते मिले। साधारण दिनों में यदि कोई जाए तो उसका दम फूल जाए, लेकिन मां का जयकारा लगाते हुए आदमी कब पहाड़ के ऊपर पहुंच जाता है पता ही नहीं चलता। दरअसल मां विन्ध्यवासिनी धाम तक तो सीधी सपाट सड़क गई है लेकिन कालीखोह से अष्टभुजा जाने के लिए पहाड़ का भी मार्ग है। हालांकि सड़क मार्ग हर मंदिर के लिए है लेकिन जब श्रद्धालु काली खोह पहुंच जाता है तो वहां दर्शन करने के बाद मंदिर के ठीक पीछे से पहाड़ काटकर पत्थर की सीढि़यां बनाई गई हैं। जहा से वह अष्टभुजा मंदिर जाता है। यही त्रिकोण मार्ग है। हालांकि अष्टभुजा तक अलग से सड़क मार्ग भी है। लेकिन कालीखोह आने वाला श्रद्धालु इसी मार्ग से अष्टभुजा जाता है। इन सीढि़यों पर आते और जाते जब श्रद्धालु नीचे देखते हैं तो उनको ऊंचे पहाड़ के बगल की घाटियों के हरे- भरे दृश्य दिखाई देते हैं जिससे उसकी पूरी थकान ही मिट जाती है।
तेज धूप में भी गुलजार है बाजार
नवरात्रि मेला क्षेत्र मे अष्टभुजा पहाड़ पर तेज धूप के बाद भी अस्थायी बाजार में लोग खरीदारी करते दिखाई दिए। आरा जिले से आई जानकी देवी ने बताया कि वह हर साल चैत्र नवरात्र में आने की कोशिश करती है और त्रिकोण के समय चाहे माता विध्यवासिनी के धाम के बाजार अथवा अष्टभुजा मार्ग के बाजार से खरीदारी करती है। यहां पर श्रृंगार प्रसाधन के सामान अच्छे मिल जाते हैं। साथ ही बच्चों के खिलौने भी मिल जाते हैं। इनका दाम भी अधिक नहीं होता। दर्शनार्थियों ने कहाकि उनको किसी ब्रांड से मतलब नहीं है। सामान अच्छा हो और उनके बजट में हो तो वह क्यों किसी और के लिए परेशान हों।
जहां पर स्नान कर रहे हैं, वहीं गंदगी और नाले का गंदा पानी गंगा में मिल रहा
मां विध्यवासिनी के दर्शन के लिए आए दर्शनार्थी विन्ध्याचल के विभिन्न घाटी पर गंगा स्नान भी कर रहे हैं। कई जगह तो ऐसी स्थिति है कि जहां पर वह स्नान कर रहे हैं वहीं गंदगी और नाले का गंदा पानी गंगा में मिल रहा है। लेकिन इन सबसे बेपरवाह दर्शनार्थी गंगा स्नान कर निकल जा रहे हैं। प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। वही दूसरी तरफ गंगा घाट पर कई स्थान पर मैट आदि ने बिछा होने के कारण तपती धूप मे जलते पैर आना जाना पड़ता रहा है।
विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने किया दर्शन
सूबे के विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने मंगलवार को मा विन्ध्यवासिनी के चरणों में मत्था टेका। दर्शन के पूर्व बड़े श्रृंगारिया विश्वमोहन मिश्र के अतिथि भवन में बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के कुशलता व व्यक्तिगत आवेदन माँ के चरणों मे समर्पित करने की कामना से दरबार मे आया हूँ। पार्टी के जिस कार्यकता को उपेक्षित होना पड़ रहा है, वो मुझसे संपर्क करे। पार्टी कार्यकर्ताओं के बल से ही हम बलवान हैं। दर्शन पूजन उनके तीर्थ पुरोहित शिव जी महराज ने कराया ।
एसपी रेलवे ने किया विन्ध्याचल चौकी का निरीक्षण
रेलवे पुलिस अधीक्षक प्रतीक कुमार मिश्र ने मंगलवार को विन्ध्याचल पहुंचकर मामले विन्ध्याचल का दर्शन पूजन किया और विन्ध्याचल रेलवे चौकी का औचक निरीक्षण कर मातहतो को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। ड्यूटी पर लगे फोर्स को सचेत किया। श्री मिश्र ने थानाध्यक्ष जीआरपी केदारनाथ मौर्य एवं विन्ध्याचल चौकी प्रभारी को निर्देशित किया कि जीआरपी के प्रत्येक सिपाही एस आई दर्शनार्थियों के साथ प्रेमपूर्वक व शालीनता का व्यवहार करें। जहाँ तक संभव हो सके श्रद्धालुओं को माँ के दर्शन करने में सरलता प्रदान कर उन्हें दर्शन प्राप्त करने में भरपूर मदद करें। साथ ही निर्देश दिया कि रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म पर एवं सभी ट्रेनो मे विशेष सतर्कता बरती जाय। चैनल स्नेचिंग गिरोह और पाकेटमारो पर विशेष नजर रखी जाय। कही भी यात्रीयो को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।