ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
बहुजन समाज पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव के पहले अपने संगठन में ताबड़तोड़ बदलाव करने में जुटी है। पार्टी ने अपने दो बड़े पदाधिकारियों को हटा दिया है। यह कार्यवाही मिर्जापुर मंडल में की गयी है। हालांकि मंडल कोआर्डिनेटर ने दावा किया है कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं और यह बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर किया गया है।
पार्टी ने मिर्जापुर मंडल में आने वाले मिर्जापुर जिले के जिलाध्यक्ष राजेश गौतम को हटा दिया गया है। उनकी जगह बसपा नेता कुंज बिहारी को वहां का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह पार्टी ने भदोही जिले के जिलाध्यक्ष लल्लू प्रसाद गौतम को भी उनके पद से हटा दिया है। उनकी जगह बिल्कुल नए चेहरे पद्मभूषण भारती को जिले की कमान दी गयी है। पद्मभूषण हालांकि कई पदों पर काम कर चुके हैं। पर असलियत तो ये है कि वह एक अनजाना चेहरा हैं। 2019 के चुनाव के पहले जहां सशक्त चेहरे और रणनीति वाले नेता को जिले की कमान देनी चाहिये वहां नए चेहरों पर दांव खेलने की रणनीति किसी को समझ नहीं आ रही।
भदोही जिले के जिलाध्यक्ष लल्लू प्रसाद गौतम करीब तीन से चार विधानसभा कार्यकाल तक जिले की कमान संभाल चुके हैं। दोनों जिलाध्यक्षों को क्यों हटाया गया, जब इस बाबत हटाने का पत्र जारी करने वाले मिर्जापुर मंडल के कोआर्डिनेटर गुड्डू राम चमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं यह एक रूटीन बदलाव जैसा है, जो सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर किया गया है।
कार्यक्रम में ही लड़ गए थे बसपा नेता
बसपा में पद को लेकर कितनी खींचतान चल रही है उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पद बदलने को लेकर बनारस में बसपा के कार्यक्रम में जमकर कुर्सियां चलीं और बवाल हो गया था। वाराणसी मंडल कोआर्डिनेटर कुरील ने जब बदलाव करते जिलाध्यक्ष बदल दिया था तो जमकर बवाल हुआ था। बसपा नेताओं का दावा था कि चंदौली के नेता का बनारस का जिलाध्यक्ष बना दिया गया, जबकि वाराणसी में खुद बसपा के बड़े नेता मौजूद हैं। हालांकि यहां कहा यह भी गया कि दरअसल वो पूर्व कोआर्डिनेटर मुनकाद अली के करीबियों को बदल रहे थे।
2019 में नहीं मिल रहे दावेदार
2019 लोकसभा चुनाव में बसपा के पास कोई दमदार नेता नहीं दिख रहा जो भदोही में टिकट पा सके। भदोही से बसपा के टिकट पर 2009 में सांसद बने गोरखनाथ पाण्डेय 2014 लोकसभा चुनाव के पहले ही बीजेपी में चले गए थे। बसपा नेता व मायावती सरकार में शिक्षामंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी की राहें भी अलग हो चुकी हैं। उन्होंने अपनी पत्नी को 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में अपना दल के टिकट पर इलेक्शन लड़ाया था। कहा जा रहा है कि बसपा में नए चेहरों की तलाश जोरों से की जा रही है।